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Post by vij on Mar 8, 2013 20:44:54 GMT 5.5
बिजनौर : भाजपा प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने अपनी नई टीम का ऐलान किया है। आठ प्रदेश उपाध्यक्षों में पश्चिमी उत्तर प्रदेश से दो नेताओं को जगह दी गई है। इसमें पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के पुत्र राजवीर सिंह उर्फ राजू के अलावा बिजनौर जनपद के धामपुर निवासी अशोक कटारिया का नाम है। लोध और गुर्जर बिरादरी के इन दोनों नेताओं को यह जिम्मेदारी देना पार्टी की लोकसभा चुनाव में ओबीसी मतों को रिझाने की रणनीति भी माना जा रहा है।
प्रदेश अध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी की नई टीम में आठ प्रदेश उपाध्यक्ष बनाये गये हैं। इनमें पश्चिमी उत्तर प्रदेश से केवल दो नाम पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के पुत्र राजवीर सिंह (अलीगढ़) और अशोक कटारिया (बिजनौर) हैं। पूर्व मुख्यमंत्री के पुत्र के साथ किसान परिवार के अशोक कटारिया को डा. वाजपेयी ने प्रदेश मंत्री पद से पदोन्नत किया है। जिले की तहसील धामपुर निवासी अशोक कटारिया 39 वर्ष की उम्र में यह पद पाने वाले सबसे कम उम्र के नेता हैं। राममंदिर आंदोलन के दौरान वर्ष 1990 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ने के बाद दस वर्ष तक जिला व विभाग संगठन मंत्री पदों की जिम्मेदारी संभाली। उनका कार्यक्षेत्र मेरठ, मुरादाबाद और बरेली मंडल रहा। वर्ष 2001 में उन्हें भाजपा युवा मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया। 2007 और 2010 में प्रदेश मंत्री के तौर पर नियुक्ति हुई। प्रदेश भाजपा के प्रखर वक्ताओं में से एक कटारिया को आगामी चुनाव में बिजनौर लोकसभा क्षेत्र से भाजपा टिकट का प्रबल दावेदार माना जा रहा है। गुर्जर बिरादरी के कटारिया और लोध बिरादरी के राजवीर सिंह की प्रदेश उपाध्यक्ष पद पर ताजपोशी को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पिछड़ी बिरादरी के मतों को लुभाने की भाजपाई रणनीति का एक हिस्सा माना जा रहा है।
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Post by vij on Mar 8, 2013 20:46:37 GMT 5.5
एस ॥ दादरी : गुर्जर उत्थान के बैनर तले आकलपुर गांव में शादी में फिजूलखर्ची रोकने और दहेज प्रथा पर पूरी तरह रोक लगाने के लिए पंचायत हुई। इसकी अध्यक्षता गांव के इंद्र सिंह ने की। मोजीराम नागर ने बताया कि पंचायत में लोगों ने फैसला लिया है कि शादियों में बैंडबाजा, आतिशबाजी, महंगी गाड़ी पर फिजूलखर्ची अब नहीं की जाएगी। साथ ही गांव में दहेज प्रथा बंद की जाएगी। साथ ही ये भी फैसला लिया गया है कि इस नियम को गांव के प्रधान व पंच सख्ती से लागू करेंगे। अगर कोई इनकी बात मानने से इंकार करता है तो उसका सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा। गुर्जर उत्थान समिति ने दहेज के विरोध में कार्य करने वाली पांच सदस्यों की एक आदर्श विवाह समिति बनाई है, जो गांव में इन नियमांे को लागू करेगी। पंचायत में विरेंद्र सिंह ने कहा कि इस मुहिम को दहेज रूपी दानव से बचाने के लिए चलाया जा रहा है। उन्हांेने कहा कि इस मुहिम को कचैड़ा, देवला, सादोपुर अच्छेजा समेत कई गांवों में चलाया जा चुका है। इस मौके पर धर्मी गुर्जर, हंसराज आर्य, चरण सिंह, राम सिंह, रमेश प्रधान, राजपाल सिंह, अजयपाल, चंदी सिंह, टीकम नागर, विजय कुमार, महेंद्र सिंह आदि मौजूद थे।
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Post by dhulla on Mar 8, 2013 21:49:18 GMT 5.5
I want about kalsh gotra of gujjar
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Post by vij on Mar 8, 2013 23:44:42 GMT 5.5
नई दिल्ली : पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गुर्जर और जाट समुदायों को एक करने की कोशिश कर रहा है 'उत्तर प्रदेश किसान मजदूर संगठन' जो मूलत: गुर्जर एवं जाट किसानों का मिलाजुला संगठन है।
गुर्जरों का राजनैतिक रुझान किस तरफ होगा, यह इस बात पर निर्भर करता है कि अजित सिंह के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश का जाट किस पाले में जाता है। गुर्जर चूंकि आथिर्क और राजनैतिक दृष्टि से जाटों के प्रतिद्वंद्वी हैं, इसलिए वे जाटों के ठीक उलटे पाले में चले जाते हैं। अजित सिंह की कोशिश रहती है कि गुर्जरों और जाटों के इस विभाजन को वह किसी तरह रोक सकें, मगर उनकी विरोधी राजनीतिक पाटिर्यां अक्सर गुर्जरों के हितों को साधकर अजित सिंह से काट ले जाती हैं।
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Post by vij on Mar 9, 2013 0:03:30 GMT 5.5
मंत्रिपरिषद का विस्तार करते हुए समाजवादी पार्टी नेतृत्व ने बेहतर और ठोस चुनावी व्यूहरचना का परिचय दिया है। लोकसभा चुनाव में वह हर जातीय और क्षेत्रीय समीकरण का जबरदस्त ख्याल रख रही है। एक तरफ उसने अपने पुराने वोट बैंक को बनाए रखने की कोशिश की है तो वहीं वह कुछ क्षेत्रों में अपनी कमजोरी को पहचानते हुए नए मोहरे बिछाने के ख्याल से नई मंत्रिपरिषद की रूपरेखा तैयार की है।
साफ है कि पार्टी का लक्ष्य सिर्फ सीटें जीतना भर नहीं बल्कि ऐसी स्थिति को बना देना है जिसमें यूपी की सियासी बयार उनके इशारे पर बहे। विरोधियों की वह जबरदस्त घेराबंदी कर दें। खासतौर से कांग्रेस, कम से कम उत्तर प्रदेश के अखाड़े में उनसे किसी तरह का पंगा लेने से पहले सौ-सौ बार सोचें और बसपा से दोस्ती निभाने की मनमानी न कर सकें।
जातियों को सपा से जोड़ने की गणित जातियों के आंकड़ों पर ध्यान दें तो मथुरा से मेरठ तक की पट्टी में आने वाली लोकसभा की सीटों आगरा, फतेहपुरसीकरी, एटा, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, बदायूं, आंवला, बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर में यादव व मुसलमान के अलावा गुर्जर, जाट, लोध, कश्यप, बिंद, निषाद बिरादरी भी फैली हुई है। कुल आबादी में इनकी भागीदारी लगभग 12 प्रतिशत से अधिक है। यह जातियां वह हैं जो दूसरों के साथ जुड़कर उम्मीदवारों के भाग्य के फैसले में अहम भूमिका निभाती हैं।
आगरा से अकबरपुर (कानपुर देहात) तक पट्टी भी यादव व मुसलमान की आबादी के साथ-साथ पाल (गड़रिया) व शाक्य (मौर्य, कुशवाहा, काछी) व लोध बिरादरी की मुख्य भूमिका वाली है। खासतौर से फिरोजाबाद, मैनपुरी, इटावा, फर्रुखाबाद, कन्नौज व अकबरपुर (कानपुर देहात) की सीटें। आगरा से अकबरपुर (कानपुर देहात) के बीच स्थित सीटों में लगभग हर सीट पर पाल बिरादरी का 70 हजार से एक लाख वोट है तो मथुरा से मेरठ के बीच स्थिति सीटों पर गुर्जर, जाट, लोध, कश्यप, मल्लाह व बिंद में सभी जातियों के औसतन डेढ़ लाख से लेकर तीन लाख तक वोटों का आंकड़ा है।
किलेबंदी अपनी व अपनों के लिए भी इन जातियों के समीकरण वाली सीटों में मैनपुरी से मुलायम सिंह खुद सांसद हैं। कन्नौज से पहले उनके पुत्र इस समय मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सांसद थे। अब उनकी पुत्रवधू अखिलेश की पत्नी डिंपल यादव सांसद हैं। बदायूं से मुलायम के भतीजे धर्मेन्द्र यादव सांसद हैं तो फिरोजाबाद से सपा के राष्ट्रीय महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव के पुत्र अक्षय यादव को प्रत्याशी घोषित किया गया है।
समझा जा सकता है कि मंत्रिपरिषद विस्तार में विजय बहादुर पाल, आलोक कुमार शाक्य, राममूर्ति वर्मा (लोध) को न सिर्फ अपनी सीटों की सुरक्षित घेरेबंदी के लिए जगह दी गई है बल्कि लोकसभा चुनाव में इसी जातीय वोट को सपा के खाते में जोड़ने की गणित भी इसके पीछे है।
अक्षय की राह आसान व सीटें बढ़ाने का इंतजाम ध्यान रखना होगा कि मुलायम के खिलाफ मैनपुरी से दूसरे दल ज्यादातर शाक्यों को ही उम्मीदवार बनाते रहे हैं। मुलायम ने अब एक शाक्य को ही मंत्रिपरिषद में जगह देकर विरोधियों की रणनीति को कुंद करने की कोशिश की है। हालांकि मुलायम के संसदीय क्षेत्र में विधानसभा का जसवंतनगर क्षेत्र शामिल होने से उन्हें कोई संकट नहीं है।
बावजूद इसके उन्होंने भविष्य की गणित को ध्यान में रखते हुए शाक्य, पाल व लोध को मंत्री पद दिलाया है। यह करके उन्होंने न सिर्फ अपनी सीट की किलेबंदी कर डाली है बल्कि केंद्र में ताकतवर भूमिका निभाने के लिए भी जमीन बनाने की कोशिश की है। साथ ही इस पट्टी की लगभग दो दर्जन सीटों पर पार्टी के आंकड़े को बढ़ाने का भी इंतजाम किया है। इस समय इस पट्टी में सपा के पांच ही सांसद हैं। इनमें तीन मुलायम सिंह के परिवार के ही हैं। शेष में एक इटावा उनकी गृहसीट तो दूसरी शाहजहांपुर है।
जाहिर है कि सीटों का आंकड़ा बढा़ने के साथ मुलायम फिरोजाबाद से चुनावी सियासत में प्रवेश कर रहे अपन भतीजे अक्षय की राह भी आसान बनाना चाहते हैं। इसकी भी वजह है। फिरोजाबाद सीट मुलायम परिवार के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बनी हुई है। कारण, पिछले चुनाव में उनकी पुत्रवधू डिंपल को यहां पराजय का सामना करना पड़ा था। इसीलिए उन्होंने आगरा से एक� ठाकुर व एक गुर्जर मंत्री बनाकर और अन्य जातियों के समीकरण बैठाकर अक्षय को लोकसभा पहुंचाने का इंतजाम किया है।
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Post by vij on Mar 9, 2013 0:24:41 GMT 5.5
लोकसभा चुनाव तैयारी के मद्देनजर पश्चिमी उप्र में भाजपा सपा के निशाने पर रालोद ही है। दोनों दलों ने रालोद प्रमुख अजित सिंह को घर में घेरने की कवायद तेज कर दी है। सपा, रालोद के मुस्लिम-जाट समीकरण को कमजोर करने में जुटी है वहीं भाजपा स्व. चौधरी चरणसिंह के अनुयायियों को लामबंद करने के लिए सहयोगी दलों का सहारा लेगी।
बात, समाजवादी पार्टी से शुरू करें। गत विधानसभा चुनाव में पश्चिम के जिलों में हासिल आशातीत समर्थन से बेहद उत्साहित सपा नेतृत्व इस बढ़त को कायम रखने की जुगत में है। सपा की निगाह रालोद के मुस्लिम-जाट समीकरण पर है। सरकार में पश्चिम के मुस्लिम नेताओं को पर्याप्त प्रतिनिधित्व के बाद सपा नेतृत्व ने जाट समाज की भागीदारी बढ़ानी शुरू की है। विधायक व पार्टी प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी को कैबिनेट में शामिल करना इस अभियान की कड़ी है तो सहकारी संस्थाओं के चुनाव में भी जाटों को रिकार्ड प्रतिनिधित्व दिया गया। रालोद छोड़ने के बाद सहकारी बैंक के सभापति निर्वाचित हुए तेजवीर सिंह कहते हैं कि अजित सिंह के सत्ता में रहते भी जाटों को सहकारी संस्थाओं में इतना प्रतिनिधित्व नहीं मिला था।
दूसरी ओर सपा द्वारा जाटों के साथ गुर्जरों को तव्वजों देने से भी रालोद की मुश्किलें बढ़ेगी। नरेंद्र भाटी को यूपी एग्रो का चेयरमैन बनाने के बाद विधान परिषद सदस्य रामसकल गुर्जर को राज्य मंत्री पद की शपथ दिलाकर सपा ने मथुरा बेल्ट में जयंत चौधरी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। उल्लेखनीय है कि सपा का दखल बढ़ने से रालोद मांट विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में मात खा चुका है।
दो रालोद सांसद सपा के सम्पर्क में : अजित और जयंत चौधरी को छोड़ रालोद के तीन सांसदों में से दो सपा नेतृत्व के सम्पर्क है। दोनों सांसदों को सपा की ओर से लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार बना देने का आश्वासन भी मिल चुका है। इस प्रकरण में अजित से नाराज चल रहे एक पूर्व मंत्री की भूमिका अहम रही। सूत्रों का कहना है कि रालोद के कई विधायक भी सपा सरकार की वाहवाही करके भविष्य की सियासी जमीन तैयार कर रहे है।
जाट आरक्षण मुद्दे को कैश करेगी भाजपा : पूर्व मुख्यमंत्री स्व. रामप्रकाश गुप्ता के कार्यकाल में जाटों को आरक्षण देने का मुद्दा कैश करने की तैयारी भाजपा की है ताकि केंद्रीय सेवाओं में जाटों को आरक्षण नहीं दिला सकें अजित सिंह को घेरा जा सके । स्व.चौधरी चरण सिंह के अनुयायी रहे नेताओं को भाजपा के प्लेटफार्म पर एकत्रित करने के साथ सहयोगी दलों के जरिए जोड़ने की योजना है। इस अभियान की कमान जद यू के महासचिव केसी त्यागी के हाथ रहेगी। केसी का सियासी कद बढ़ाने को उन्हे बिहार से राज्यसभा सदस्य भी नामित कराया गया। सूत्रों का कहना है जो नेता सीधे भाजपा से जुड़ना पंसद न करें उन्हें सहयोगी दल से मंच टिकट व मंच मुहैया कराया जा सकता है।
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Post by vij on Mar 31, 2013 0:41:01 GMT 5.5
Gojri , the language of gurjars should be promoted by gurjars of other states also. Minister for Forest and Environment, Mian Altaf Friday said the government has recommended to the Central government the case of inclusion of Gojri language in the 8th Schedule of the constitution while efforts are on for setting up Gojri Departments in Kashmir and Jammu Universities. The Minister was addressing a function “Gojri Adab Aur Saqafati Millan” organized in memory of renowned Gojri poet Mian Muhammad Israil Assar. The event was organised by J&K Academy of Art Culture and Languages in collaboration with Anjuman Gojri Zaban-o-Adab Daramshala Kalakote at Government Higher Secondary School, Lambari today. SP Rajouri, SDM Kalakote, Editor Mansha Khaki, President, Anjuman Zaban-e-Aadab, Mian Nazir Bajran besides a galaxy of scholars, poets and prominent citizens, including Dr Khajuria, Dr Vikar and Iqbal Azeem were present on the occasion. Highlighting the role played by Mian Assar for promotion of Gojri language, Mian Altaf said that it is our duty to work for taking his mission forward. He said role of Ismail Assar will always be remembered on such occasions in future also because of the contribution he made in promotion of Gujjar language. The Minister said the state government has already recommended to Central Government to include Gojri language in the 8th schedule of the Constitution. He said initiatives have been taken to get Gojri Departments established in Jammu University and Kashmir University, so that students can go for higher studies in the Gojri language. Mian Altaf said that Gojri language is not only spoken in J&K but also in several parts of subcontinent www.greaterkashmir.com/news/2013/Mar/30/efforts-on-to-setup-gojri-department-in-jk-s-varsities-mian-altaf-57.asp
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