Post by vij on Jul 20, 2014 18:48:04 GMT 5.5
Gurjar have considerable population in Haryana and are present in all of its districts in significant numbers. They are present from Punchkula in north to Palwal in South and Bhiwani in west to Panipat in east. here is and article about distt Faridabad and Palwal in South Haryana.
गुर्जर नेता फरीदाबाद संसदीय क्षेत्र की नौ विधानसभा सीटों में से सात पर विभिन्न दलों से अपनी दावेदारी प्रस्तुत कर रहे हैं। 2009 विधानसभा चुनाव में बड़खल, तिगांव और पलवल से गुर्जर नेता विधायक बने थे। इसके अलावा 2004 से अब तक लगातार तीन बार लोकसभा सीट भी गुर्जर नेताओं के हाथ ही रही है। गुर्जर बिरादरी से यूं तो सभी दलों से नेता दावेदारी कर रहे हैं, मगर सबसे ज्यादा दावेदार भाजपा में हैं। होडल क्षेत्र सुरक्षित है तो पृथला क्षेत्र से कोई गुर्जर नेता टिकट की मांग नहीं कर रहा है। इसके पीछे कारण यह है कि ये नेता अपनी बिरादरी की वोट संख्या के आधार पर टिकट की मांग कर रहे हैं।
हथीन विधानसभा क्षेत्र: इस क्षेत्र से अभी तक कोई गुर्जर नेता विधायक नहीं है। यह सीट अभी तक मुस्लिम या जाट के हाथ ही रही मगर इस बार यहां से भाजपा के संजय गुर्जर और हजकां से रमेश गुदराना टिकट मांग रहे हैं।
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पलवल : इस सीट से मौजूदा समय में इनेलो के सुभाष चौधरी विधायक हैं। इससे पहले यहां से गुर्जर नेता बाबू कल्याण सिंह भी विधायक और राज्य सरकार में मंत्री रह चुके हैं। 2009 के विधानसभा चुनाव में यहां से भाजपा की टिकट पर चौधरी अनंगपाल बैसला ने चुनाव लड़ा और इनेलो की टिकट पर सुभाष चौधरी ने। अनंगपाल केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री कृष्णपाल गुर्जर के नजदीकी हैं और वे इस बार भी टिकट के मजबूत दावेदार हैं। इस सीट से इनेलो के सुभाष चौधरी के अलावा गुर्जर बिरादरी में कांग्रेस से नेत्रपाल अधाना भी टिकट मांग रहे हैं। अनंगपाल और सुभाष चौधरी की अपनी पार्टियों में मजबूत दावेदारी है, मगर नेत्रपाल मुख्यमंत्री के समधी और कांग्रेस के दबंग जाट नेता करण सिंह दलाल के समक्ष टिकट मांग रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि यदि नेत्रपाल अधाना इस बार चुनाव जरूर लड़ेंगे।
-बल्लभगढ़:
इस क्षेत्र से यूं तो एक बार भी गुर्जर बिरादरी का विधायक नहीं रहा है, मगर इस बार दो गुर्जर नेता प्रमुखता से टिकट की दावेदारी कर रहे हैं। हजकां के जिलाध्यक्ष ओमपाल टोंगर और भाजपा के दीपक चौधरी अपने-अपने दलों में टिकट के सशक्त दावेदार हैं।
एनआइटी: 2009 में नए परिसीमन के तहत हुए चुनाव में इस क्षेत्र से चार प्रमुख गुर्जर नेताओं ने चुनाव लड़ा था। इनमें से निर्दलीय नगेंद्र भड़ाना दूसरे स्थान पर रहे। यहां से भाजपा से महेंद्र भड़ाना, बसपा ने शिवराज सिंह लोहिया को चुनाव लड़ाया था तथा पाली के दबंग नेता धर्मवीर भड़ाना ने भी अपना भाग्य आजमाया था। इस बार इनेलो की टिकट पर नगेंद्र भड़ाना यहां से मजबूती से दावेदारी कर रहे हैं। इसके अलावा से भाजपा की टिकट पर शिक्षाविद् धन सिंह भड़ाना के पुत्र हर्ष भड़ाना और दबंग नेता धर्मवीर भड़ाना अपनी दावेदारी कर रहे हैं।
बड़खल : मौजूदा समय में यहां कांग्रेस के दिग्गज नेता महेंद्र प्रताप सिंह विधायक ही नहीं राज्य सरकार में राजस्व मंत्री हैं। महेंद्र प्रताप सिंह के अलावा 2009 में इस क्षेत्र से बसपा की टिकट पर पूर्व मंत्री करतार सिंह भड़ाना ने चुनाव लड़ा था और वे तीसरे नंबर पर रहे थे। इस बार चौधरी महेंद्र प्रताप सिंह, उनके पुत्र विजय प्रताप सिंह की दावेदारी के अलावा बसपा ने यहां से अपना उम्मीदवार पाली क्रशर जोन के प्रधान धर्मवीर भड़ाना को बनाया है। भाजपा से इस सीट पर पार्टी के जिला उपाध्यक्ष गजेंद्र लाला तो इनेलो से अजय भड़ाना भी टिकट की दौड़ में हैं।
तिगांव : इस सीट से 2009 में तत्कालीन प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष और मौजूदा केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने महज 818 मतों से कांग्रेस के ललित नागर को हराया था। तब इस सीट पर इन दोनों के बीच ही मुख्य मुकाबला था। इस बार यहां से भाजपा की टिकट पर एक नंबर पर मंत्री कृष्णपाल के पुत्र देवेंद्र चौधरी और पार्षद अजय बैसला व उनके बड़ भाई विजय बैसला, भाजपा पार्षद दल के नेता ओमप्रकाश रक्षवाल तथा इनेलो की टिकट पर शिक्षाविद् विनोद नागर और जिला पार्षद के पति वीरपाल पहलवान टिकट मांग रहे हैं। आम आदमी पार्टी के आभास चंदीला और पुराने दिग्गज नेता रणबीर चंदीला भी तिगांव क्षेत्र से टिकट के प्रबल दावेदार हैं।
फरीदाबाद : नए परिसीमन के बाद 2009 में पहली बार अस्तित्व में आए इस क्षेत्र से नीमका के युवा समाजसेवी अशोक भाटी भाजपा की टिकट मांग रहे हैं, तो इनेलो से शिक्षाविद् विनोद नागर यहां से भी टिकट की दावेदारी कर रहे हैं। विनोद नागर प्रमुख गुर्जर नेता ओमदेव नागर के पुत्र हैं।
गुर्जर नेता फरीदाबाद संसदीय क्षेत्र की नौ विधानसभा सीटों में से सात पर विभिन्न दलों से अपनी दावेदारी प्रस्तुत कर रहे हैं। 2009 विधानसभा चुनाव में बड़खल, तिगांव और पलवल से गुर्जर नेता विधायक बने थे। इसके अलावा 2004 से अब तक लगातार तीन बार लोकसभा सीट भी गुर्जर नेताओं के हाथ ही रही है। गुर्जर बिरादरी से यूं तो सभी दलों से नेता दावेदारी कर रहे हैं, मगर सबसे ज्यादा दावेदार भाजपा में हैं। होडल क्षेत्र सुरक्षित है तो पृथला क्षेत्र से कोई गुर्जर नेता टिकट की मांग नहीं कर रहा है। इसके पीछे कारण यह है कि ये नेता अपनी बिरादरी की वोट संख्या के आधार पर टिकट की मांग कर रहे हैं।
हथीन विधानसभा क्षेत्र: इस क्षेत्र से अभी तक कोई गुर्जर नेता विधायक नहीं है। यह सीट अभी तक मुस्लिम या जाट के हाथ ही रही मगर इस बार यहां से भाजपा के संजय गुर्जर और हजकां से रमेश गुदराना टिकट मांग रहे हैं।
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पलवल : इस सीट से मौजूदा समय में इनेलो के सुभाष चौधरी विधायक हैं। इससे पहले यहां से गुर्जर नेता बाबू कल्याण सिंह भी विधायक और राज्य सरकार में मंत्री रह चुके हैं। 2009 के विधानसभा चुनाव में यहां से भाजपा की टिकट पर चौधरी अनंगपाल बैसला ने चुनाव लड़ा और इनेलो की टिकट पर सुभाष चौधरी ने। अनंगपाल केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री कृष्णपाल गुर्जर के नजदीकी हैं और वे इस बार भी टिकट के मजबूत दावेदार हैं। इस सीट से इनेलो के सुभाष चौधरी के अलावा गुर्जर बिरादरी में कांग्रेस से नेत्रपाल अधाना भी टिकट मांग रहे हैं। अनंगपाल और सुभाष चौधरी की अपनी पार्टियों में मजबूत दावेदारी है, मगर नेत्रपाल मुख्यमंत्री के समधी और कांग्रेस के दबंग जाट नेता करण सिंह दलाल के समक्ष टिकट मांग रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि यदि नेत्रपाल अधाना इस बार चुनाव जरूर लड़ेंगे।
-बल्लभगढ़:
इस क्षेत्र से यूं तो एक बार भी गुर्जर बिरादरी का विधायक नहीं रहा है, मगर इस बार दो गुर्जर नेता प्रमुखता से टिकट की दावेदारी कर रहे हैं। हजकां के जिलाध्यक्ष ओमपाल टोंगर और भाजपा के दीपक चौधरी अपने-अपने दलों में टिकट के सशक्त दावेदार हैं।
एनआइटी: 2009 में नए परिसीमन के तहत हुए चुनाव में इस क्षेत्र से चार प्रमुख गुर्जर नेताओं ने चुनाव लड़ा था। इनमें से निर्दलीय नगेंद्र भड़ाना दूसरे स्थान पर रहे। यहां से भाजपा से महेंद्र भड़ाना, बसपा ने शिवराज सिंह लोहिया को चुनाव लड़ाया था तथा पाली के दबंग नेता धर्मवीर भड़ाना ने भी अपना भाग्य आजमाया था। इस बार इनेलो की टिकट पर नगेंद्र भड़ाना यहां से मजबूती से दावेदारी कर रहे हैं। इसके अलावा से भाजपा की टिकट पर शिक्षाविद् धन सिंह भड़ाना के पुत्र हर्ष भड़ाना और दबंग नेता धर्मवीर भड़ाना अपनी दावेदारी कर रहे हैं।
बड़खल : मौजूदा समय में यहां कांग्रेस के दिग्गज नेता महेंद्र प्रताप सिंह विधायक ही नहीं राज्य सरकार में राजस्व मंत्री हैं। महेंद्र प्रताप सिंह के अलावा 2009 में इस क्षेत्र से बसपा की टिकट पर पूर्व मंत्री करतार सिंह भड़ाना ने चुनाव लड़ा था और वे तीसरे नंबर पर रहे थे। इस बार चौधरी महेंद्र प्रताप सिंह, उनके पुत्र विजय प्रताप सिंह की दावेदारी के अलावा बसपा ने यहां से अपना उम्मीदवार पाली क्रशर जोन के प्रधान धर्मवीर भड़ाना को बनाया है। भाजपा से इस सीट पर पार्टी के जिला उपाध्यक्ष गजेंद्र लाला तो इनेलो से अजय भड़ाना भी टिकट की दौड़ में हैं।
तिगांव : इस सीट से 2009 में तत्कालीन प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष और मौजूदा केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने महज 818 मतों से कांग्रेस के ललित नागर को हराया था। तब इस सीट पर इन दोनों के बीच ही मुख्य मुकाबला था। इस बार यहां से भाजपा की टिकट पर एक नंबर पर मंत्री कृष्णपाल के पुत्र देवेंद्र चौधरी और पार्षद अजय बैसला व उनके बड़ भाई विजय बैसला, भाजपा पार्षद दल के नेता ओमप्रकाश रक्षवाल तथा इनेलो की टिकट पर शिक्षाविद् विनोद नागर और जिला पार्षद के पति वीरपाल पहलवान टिकट मांग रहे हैं। आम आदमी पार्टी के आभास चंदीला और पुराने दिग्गज नेता रणबीर चंदीला भी तिगांव क्षेत्र से टिकट के प्रबल दावेदार हैं।
फरीदाबाद : नए परिसीमन के बाद 2009 में पहली बार अस्तित्व में आए इस क्षेत्र से नीमका के युवा समाजसेवी अशोक भाटी भाजपा की टिकट मांग रहे हैं, तो इनेलो से शिक्षाविद् विनोद नागर यहां से भी टिकट की दावेदारी कर रहे हैं। विनोद नागर प्रमुख गुर्जर नेता ओमदेव नागर के पुत्र हैं।