Post by Slow_Learner on Dec 15, 2015 19:58:08 GMT 5.5
Senior Samajwadi Party leader and former state Minister Chaudhary Yashpal Singh passed away in a Delhi hospital, his family members said. He was 94. Singh's son, Chaudhary Rudrasen said that his father was admitted to Delhi's Escorts hospital due to some respiratory problems about a month and half ago. He breathed his last at 11 pm yesterday. The body of the former national vice president of SP has been kept at his home at Titro for public to pay their last respect. Before joining the SP in 2011 Singh also worked with the BJP and Congress party. In 1977, when he was in the Congress, he was the only leader from the party to win a MLA seat in the entire Meerut-Saharanpur division. He was also at the forefront when Indira Gandhi relaunched her comeback campaign after the 1977 drubbing. Singh is survived by his two sons. - See more at:
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समाजवादी पार्टी के राष्टीय उपाध्यक्ष व सहारनपुर की राजनीतिक शख्सियत चौ. यशपाल सिंह का शनिवार रात करीब 11 बजे निधन हो गया। वह 94 साल के थे। रविवार दोपहर उनके गृह क्षेत्र तीतरो में उनका अंतिम संस्कार किया गया। वह पिछले कुछ समय से बीमार थे। नई दिल्ली के एस्कोर्ट अस्पताल में शनिवार रात उन्होंने अंतिम सांस ली। चौ. यशपाल सिंह अपने लंबे राजनीतिक जीवन में पांच बार विधायक, एक बार एमएलसी और एक बार सांसद रहे। वह 1980 में विश्वनाथ प्रताप सिंह व श्रीपति मिश्रा के मुख्यमंत्रित्च काल में प्रदेश के कृषि मंत्री के पद पर भी रहे। 1984 में वह कांग्रेस टिकट पर सहारनपुर सीट से लोकसभा के लिए चुने गए। तब उन्होंने अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी काजी रशीद मसूद को पराजित किया था। चौ. यशपाल सिंह का ज्यादा समय कांग्रेस में बीता। वह इंदिरा गांधी और राजीव गांधी दोनों के काफी करीब रहे। राजनीतिक मतभेदों के चलते मुख्यमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह ने 1982 में उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया था। लेकिन विश्वनाथ प्रताप सिंह के मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद बनी नई सरकार में उनकी मंत्रिमंडल में बहाली हो गई। 2004 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने भाजपा के टिकट पर सहारनपुर सीट से भी चुनाव लड़ा। लेकिन सफल नहीं हुए। चौ. यशपाल सिंह गुर्जर नेता के रूप में सहारनपुर की सियासत में चार दशक तक छाए रहे। 1977 में जनता पार्टी की लहर में भी वह सहारनपुर की नकुड विधानसभा सीट से चौ. रामशरणदास को हराकर विजयी हुए थे। 2012 में चौ. यशपाल सिंह समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए। मुलायम सिंह यादव ने उन्हें पार्टी का राष्टÑीय उपाध्यक्ष बनाया और उनके बेटे चौ. रूद्रसेन को गंगोह सीट से विधानसभा चुनाव में उतारा। लेकिन वह चुनाव नहीं जीत सके। चौ. यशपाल सिंह सपा मेंं अपनी उपेक्षा किए जाने से आहत थे। वह अपने बेटे को सत्ता में हिस्सेदारी दिलाने के लिए संघर्ष कर रहे थे। लेकिन मुलायम सिंह यादव ने कोई तवज्जों नहीं दी। यशपाल सिंह के अंतिम संस्कार के मौके पर सपा एमएलसी व पूर्व मंत्री चौ. विरेंद्र सिंह, भाजपा के थाना भवन विधायक सुरेश राणा, सपा जिलाध्यक्ष चौ. जगपाल दास आदि नेता मौजूद रहे। - See more at: www.jansatta.com/rajya/gujjar-leader-yashpal-singh-passed-away/54689/#sthash.qS0tw297.dpuf