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Post by Surender Singh on Sept 28, 2010 14:13:19 GMT 5.5
Dear Friends this is just a discussion forum dont get so aggitated and exited.We are here just to give our views.Calm down and concentrate on the topic.I like healthy and justified disscussion.Be in your limits. Surender Singh Mawana, Meerut
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Post by kavya dhama on Sept 28, 2010 15:00:22 GMT 5.5
Post Deleted due to the use of foul language.
[glow=red,2,300]Mr KAVYA DHAMA YEH AAPKA GHAR NAHI KI AAP JO CHAHE BAK DE, THODA TAMEEZ ME RAHIYE, ISS FORUM PE HUMARI GUJJAR BAHANE BHI AATI HAIN.[/glow]
MODERATOR
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Vir Gurjareshwar
Regular Member
Delhi & West U.P.:: The Great Gurjar Land
Posts: 36
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Post by Vir Gurjareshwar on Sept 28, 2010 15:09:30 GMT 5.5
you are fighting for no cause.
Ok do intercast marriage, who will stop you, not gurjar cast. Your relatives will stop you, and we are talking one sided..........What about girl side. They will accept your cast?
Surender ji the things are not easy.
This cast marriage system will abolish. You intiative is not required for ending this.
You know the crime against women is increasing day by day? You ever think?
We are killing girls without born. Gurjar, Jat, Rajput are those cast, in which female ratio is 870 out of 1000 male . So what will do when you will not get a girl, or you can say that you will be rejected by Gurjar girls. The rejection cause may be your qualification, status or anything.
People of Haryana are going to chattisgarh and jharkhand to get married with tribal women for thier Vansh.
So Mr. surender this is happening, dont waste time to do such nonsense discussion here.
We are here to discuss all about concern with gurjar only.
Please dont divert the topic anywhere else.
just do your job, which you want, gurjar caste has none to bother.
Gurjar think Big and Do big.
Jai vir Gurjar Land
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Post by Surender Singh on Sept 28, 2010 15:16:49 GMT 5.5
As i am new to this forum are there any Admin or Modd here or not.People are talking baseless things and no one is here to control them.
Surender Singh Mawana, Meerut
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Vir Gurjareshwar
Regular Member
Delhi & West U.P.:: The Great Gurjar Land
Posts: 36
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Post by Vir Gurjareshwar on Sept 28, 2010 15:23:26 GMT 5.5
what do you mean by baseless thing, Mr. Surender? Tell me any baseless content in my reply?
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Post by Vikram Singh on Sept 28, 2010 15:32:56 GMT 5.5
Jisne bhi intercast shaddi kar rakhi hai vo sabhi dimgi taur par beemar hai.Aur in sabhi ka biradri se hukka paani gira dena chahiye.Aise log Gurjar Samaj ke Dushman hai.Aur ye hamari vichar dhara ke khilaf hai.
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Post by kavya dhama on Sept 28, 2010 16:02:24 GMT 5.5
DELETED
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Post by Sheel Gurjar on Sept 28, 2010 18:02:24 GMT 5.5
Friends i belong to a broadminded family. At the time of my marriage 14 years ago, I did not go to see (select) the girl as my would be wife. I told my parents that they have to decide whether the girl comes to your expectations of a perfect bahu or not! And I also told my mom that the final decision would be hers. Personally I do not go for Sanskaars but for looks. Seerat se jyaada soorat!! This is my story, now coming to the point. I have two children aged 13 yrs. & 10 yrs. If my children would be interested in intercast marriage, I WILL DEFINITELY SUPPORT THEM!! I believe in my children's happiness above anything in this world. My elder son is 13 yrs old now. It will take another 12 to 13 yrs when he will be eligible for his marriage depending on his career. I know time is changing very fast. We can not predict what will happen after 12 - 13 years but I am very sure of seeing a different Gurjar community. Friends honestly, I appreciate your post but I do not think this intercast marriage is the biggest current problem in gurjar samaaj. As I mentioned in my post, 'illiteracy is the root cause of all evils.' My initial purpose is to spread this message. Our united effort should be to educate our community. Do not you see dowry as a more bigger current problem in our samaaj? , I know a majority of my readers may not be happy after reading my blog right now. But, as I have mentioned in my very first post, 'I can not speak, write or share the words to which I do not agree.' You asked for my views and here I am 'AS I AM' Sheel Gurjar sheelgurjar.blogspot.com
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Post by Jeetender Nagar on Sept 28, 2010 18:04:25 GMT 5.5
Dear Sheel
आप द्वारा यह शुरूआत मानो जुलाई माह की तपती धूप में बारिश के एक बूंद का एहसास दिलाती है . ब्लाग शुरू करने पर हार्दिक बधाई. मैने आज ही आपका ब्लॉग और आपके और पंकज के बीच हुए कुछ संवाद पढे. पढ कर अच्छा लगा कि आप समाज के उत्थान के प्रति चिंतित हैं. लेकिन क्या आपको नहीं लगता कि आप अंतर जातीय विवाह के विषय में बतियाते हुए अपने आप से सच नहीं कह पाए. ये अच्छा है कि आप अपने बच्चो पर अपनी इच्छा नहीं थोपना चाहते पर विवाह एक ऎसा मामला है जो सिर्फ एक पीढी का नहीं बल्कि कईं पीढियों और कईं परिवारो का रिश्ता है. कहने में बडा आसान है कि आपका बेटा किसी अंतर जातीय लड़्की से विवाह कर घर ला सकता है परंतु क्या यही चीज़ आप अपनी बेटी के लिए भी कहाँ सकते हैं. माफ किजीएगा मैं किसी के विश्वास और संवेदनाओं को ठेस नहीं पहुंचाना चाहता पर कुरीतियों के विषय में भी यही कहना चाहता हूं कि अंतर जातीय विवाह भी कुरीती की ही श्रेणी में आता है. सोचिए... जब आप किसी सामाजिक मिलन चाहे शादी हो या कोई भी समारोह, जाते हैं तो आपको कितने रिश्तेदार दोस्त मिलते हैं. अगर कल को आप किसी अपने विजातीय संबंधी के समारोह में जाते हैं तो आपके जानने वाले आपके अपने कितने वहाँ मिलेंगे. पहले भी अंतर जातीय विवाह के लिए हमारे पूर्वजों ने पहल की थी उदाहरणत: अभी कुछ समय पहले हरियाणा में मुस्लिम गुर्जरों से रिश्ता करने का अभियान छेडा गया था. उसमें बारात मुस्लिम गुर्जरों के यहाँ ले जाने के लिए तो कईं उत्साही मिले परंतु अपनी लड़्की मुस्लिम गुर्जर लड़्के को देने वाला कोई नहीं मिला. Anywayz i have not desired all this bcaz i am against the inter caste marriage. nor i m in favor of them ... i have just reflected some drawbacks of these marriages Best of luck again for your effort .... wee keep meeting through this forum and keep sharing our thoughts & ideas regards Jitendra
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Post by Sheel Gurjar on Sept 28, 2010 18:05:30 GMT 5.5
जितेन्द्र भाई नमस्कार और बहुत बहुत धन्यवाद् आपने मेरे ब्लॉग पर अपने विचार रखे. आप यकीन करें मुझे बहुत अच्छा लग रहा है आपने जो सवाल खड़े किये हैं उनका जवाब देने मे. मैने अपने ब्लॉग का नाम "AS I AM" - 'मै जैसा हूँ' इसलिए रखा कि मै जो लिख रहा हूँ वो सिर्फ और सिर्फ मेरी सोच हो - मै किसी भी व्यक्ति के दवाब में आ कर कुछ ना लिखूं. सच मानिये किसी व्यक्ति के दवाब में आ कर कुछ लिखना या कहना मेरी प्रवर्ती है ही नहीं. आपने लिखा है कि - " लेकिन क्या आपको नहीं लगता की आप अंतर जातीय विवाह के विषय में बतियाते हुए अपने आप से सच नहीं कह पाए." भाई आपको ऐसा क्यूँ और किस बात से लगा? क्या आपको लगता है की मैने किसी दवाब मे यह ब्लॉग बनाया है? या कोई तलवार के साए में मुझे लिखना पड़ रहा है? अपने आप से झूठ बोलने के लिए मुझे ब्लॉग बनाने की क्या जरुरत थी? और आखिर में मै आपको बताना चाहता हूँ कि मेरे छोटे भाई पंकज कसाना के जिस सवाल के जवाब में मैने वो सब लिखा इस ब्लॉग का ओव्नर/ मोडरेटर होने के नाते मेरे पास विकल्प था कि मै उस सवाल को ही पब्लिश ना करूँ या फिर उसका जवाब ही ना दूँ. खैर इस विषय में कोई यह समझ ही नहीं सकता कि दूसरा व्यक्ति अपने आप से सच कह रहा है या नहीं. आगे आपने पूछा है कि क्या मै अपनी बेटी का अंतर जातीय विवाह करूँगा? मेरी बिटिया अभी दस साल की है, उसकी शादी की उम्र जब होगी और अगर उसके वर के चुनाव का फैसला मुझे और मेरी धर्मपत्नी को करना होगा तो हम यक़ीनन कोई सुयोग्य गुर्जर लड़का ही देखेंगे. लेकिन अगर मेरी बिटिया उस उम्र में अपने लिए कोई लड़का पसंद कर लेगी चाहे गुर्जर हो या न हो, मै अपनी बिटिया का विरोध नहीं करूँगा. मै अपने बच्चों पर यह दवाब नहीं डालूँगा कि वे अंतर जातीय विवाह करें. मेरी नज़र में मेरे बेटे और बिटिया में कोई फर्क नहीं है . मैने इसी पोस्ट में पहले ही लिख दिया है कि अगर मेरे बच्चे अंतर जातीय विवाह करना चाहेंगे तो मै यक़ीनन उनका समर्थन करूँगा. मै आज फिर इस बात को दोहराता हूँ कि मेरे लिए मेरे बच्चों की खुशियों से बढ़ कर दुनिया की कोई ख़ुशी नहीं है. हम क्यों भूल जाते हैं कि हम उस संस्कृति से सम्बन्ध रखते हैं जिसमे हमारे ईष्ट देव मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम जी के समय में भी स्वयंवर प्रथा थी. जब हम कभी विदेश में जाते हैं तो सबसे पहले किसी भारतीय को ही ढूँढ़ते हैं और वो भारतीय ही हमारा सबसे बड़ा अपना होता है. और उससे मिल कर हमें जो ख़ुशी होती है वो अपने शहर की किसी शादी में अपने रिश्तेदार से मिल कर प्राप्त हुई ख़ुशी से कहीं ज्यादा होती है. जीतेन्द्र भाई मै पहले एक भारतीय हूँ उसके बाद गुर्जर. आगे आप लिखते हैं कि पहले भी हमारे पूर्वजों ने अंतर जातीय विवाह के लिए पहल की थी..................... हमारे पूर्वजों ने मुस्लिम गुर्जरों की लड़कियों को अपनी बहु तो बना लिया लेकिन अपनी लड़कियों की शादी मुस्लिम गुर्जर परिवारों में नहीं की. इतना तो आप भी लिखते और मानते हैं. तो आप बताइए की क्या हमारे पूर्वजों ने ऐसा कर के सही किया? जीतेन्द्र भाई समाज बहुत तेजी से बदल रहा है. मुझे और आपको इस समाज ने नहीं बनाया है बल्कि हमने इस समाज को बनाया है. मेरा जन्म और मेरी परवरिश एक गाँव में ही हुई है. मेरे बड़े भाई की शादी 1993 में हुई थी. उस समय मेरे पिताजी ने स्टेज सिस्टम रखा था. दूल्हा दुल्हन स्टेज पर बैठे थे. हमारे समाज के कई लोगों ने पीठ पीछे - दबी आवाज़ में इसकी भर्त्सना की थी. लेकिन आज क्या हो रहा है? आज दिल्ली के तक़रीबन हर गाँव में स्टेज सिस्टम फल फूल रहा है. बात यह है भाई की 17 साल पहले मेरे पिताजी ने अपने गाँव में एक पहल की थी जिसका उस वक़्त लोगों ने दबे मन से वहिष्कार किया था लेकिन अब धीरे धीरे सभी इस परम्परा को अपना रहे हैं. कम से कम दिल्ली के गुर्जर गाँव में तो जरूर. सबसे पहले तो हमें यह फैसला करना है की हम जिस संस्कृति की बात करते हैं क्या हमारे पूर्वज उसका हिस्सा थे? आज आपके हमारे घरों मे जो घूंघट प्रथा है, क्या मुस्लिम आक्रमण से पहले यह हमारे इतिहास में थी? नहीं ना? खैर यह मेरे पर्सनल विचार हैं मै किसी की अंतर्भावना को ठेस नहीं पहुँचाना चाहता और ना ही मेरा इरादा अपने विचारों को जबरदस्ती किसी पर थोपने का है. I wish I made you understand my point even if I fail to convince you!! Sheel Gurjar sheelgurjar.blogspot.com
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