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Post by manusingh on Jan 17, 2015 0:16:56 GMT 5.5
As we all know stage is set for the Delhi election for 7th feb 2015. pls share names of candidates from each party ...who got tickets as per my information only congress has fielded maximum number of candidates.we should unite for electing more and more our community members irrespective of our own differences and partywise.
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Post by Ashok Harsana on Jan 21, 2015 17:08:55 GMT 5.5
Please Vote & Support Gurjar Candidate in Delhi Elections 2015 . here is the list of all Gurjar Candidates: 1. Badarpur - Ram Singh Neta ji (Cong) - Ramvir Singh Bidhuri (Bjp) 2. Chatarpur - Brahm Singh Tanwar (Bjp) - Balram Tanwar (Cong) - Kartar Singh Tanwar (Aap) 3. Gokulpur - Fateh Singh (Aap) 4. Gandhi Nagar - Jitender Dedha (Bjp) 5. Kasturba Nagar -Neeraj Basoya (Cong) - Ravinder Chaudhary (Bjp) 6. Karawal Nagar - Satpal Dayma (Cong) 7. Mustafabad - Jagdish Pradhan (Bjp) 8. Okhla - Brahm Singh Bidhuri (Bjp) 9. Patparganj - Anil Chaudhary (Cong) - Vinod Kumar Binni (Bjp) 10. Rajouri Garden - Meenakshi Chandila (Cong) 11. Tilak Nagar - Dulichand Lohia (Cong) 12. Tuglakabad - Sachin Bidhuri (Bjp) - Vikram Bidhuri (Bjp) - Sahiram Pehalwan (Aap) 14.Vishwas Nagar - Nasseb Singh Dedha (Cong) ?% Please Vote & Support and Show your Unity ... ✌✌✌✌✌ ?%. GURJAR EKTA ZINDABAAD .. ♠♠♠♠♠♠♠♠♠ ✋
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vij
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Post by vij on Jan 26, 2015 13:29:07 GMT 5.5
दिल्ली विधानसभा के चुनाव में जातीय समीकरणों की बेहद अहम भूमिका मानी जा रही है। भले ही पार्टियों का कह रही हों कि वे जातिगत आधार पर नहीं मुद्दों पर चुनाव लड़ रही हैं, लेकिन हकीकत यह है कि टिकटों के बंटवारे से लेकर वोट मांगने तक में जातियों के समीकरण बेहद मजबूत माने जाते हैं। यही कारण है कि पूर्वांचल और उत्तराखंड के लोगों को इस बार टिकटों में सही प्रकार से प्रतिनिधित्व ना मिल पाने के कारण विरोध हो रहा है। कैंडिडेट्स भी चुनाव की प्लानिंग और प्रचार जातीय समीकरणों को ध्यान में रखकर कर रहे हैं। हर जाति के प्रमुख लोगों के साथ कैंडिडेट्स ने मीटिंग शुरू कर दी है। ब्राह्मण राजधानी में ब्राह्मणों की संख्या 10 फीसदी के आसपास बताई जाती है। इस आबादी को लुभाने के लिए आम आदमी पार्टी की ओर से इस बार 11 ब्राह्मणों को चुनावी मैदान में उतारा गया है। बीजेपी ने भी आम आदमी पार्टी के बराबर ही 11 उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं। हालांकि कांग्रेस भी ब्राह्मणों को टिकट देने में पीछे नहीं है। कांग्रेस ने इस बार 10 उम्मीदवारों को टिकट देकर दोनों को टक्कर देने की कोशिश की है। एससी राजधानी में सबसे ज्यादा एससी कैटिगरी की आबादी है। इस कैटिगरी में जाटव, बाल्मीकि, रैगर सहित कई और अन्य तरह की जातियां शामिल है जिन्हें एससी का दर्जा प्राप्त है। दिल्ली में इनकी तादाद 17 फीसदी बताई जाती है। बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने ही इस बार चुनाव मैदान में एससी कैटिगरी के 13-13 कैंडिडेट्स चुनाव मैदान में उतारे हैं। राजधाानी में रिजर्व सीटें 12 हैं, लेकिन दोनों ने सीटों से ज्यादा उम्मीदवार उतारे हैं। दूसरी ओर आम आदमी पार्टी ने 12 ही कैंडिडेट उतारे हैं। इस वर्ग के लोगों को लुभाने के लिए बीजेपी और आम आदमी पार्टी एड़ी चोटी का जोर लगाए हुए हैं। कभी ये समुदाय कांग्रेस के पक्के वोटर माने जाते थे। कांग्रेस इन वोटरों को वापस लाने की कोशिश में है। मुस्लिम दिल्ली में 12 फीसदी मुस्लिम हैं। इसको ध्यान में रखते हुए सबसे ज्यादा कैंडिडेट कांग्रेस ने उतारे हैं, कांग्रेस ने 6 कैंडिडेटृस को चुनाव में उतारा है, आम आदमी पार्टी ने 5 मुस्लिम चेहरों को टिकट दिया है, जबकि बीजेपी ने केवल 1 ही कैंडिडेट को टिकट दिया है। माना यह जा रहा है कि इस बार चुनाव में अगर मुस्लिम कांग्रेस की ओर गए तो उनकी सीटों में इजाफा हो सकता है, दूसरी ओर अगर आम आदमी पार्टी की ओर चले गए तो आम आदमी पार्टी पिछले विधानसभा चुनाव से बेहतर प्रदर्शन कर सकती है। पंजाबी राजधानी में पंजाबी आबादी 10 फीसदी के आसपास है। कांग्रेस और बीजेपी ने इस आबादी को रिझाने के लिए सात-सात कैंडिडेट्स को टिकट दिया है, जबकि आम आदमी पार्टी ने पंजाबी कम्युनिटी के 6 उम्मीदवार ही मैदान में उतारे हैं। वैश्य वैश्य समाज के लोग 8 फीसदी के आसपास हैं। इस कम्युनिटी को लुभाने के लिए आम आदमी पार्टी ने सबसे ज्यादा 10 उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं, बीजेपी ने 9 और कांग्रेस ने 6 उम्मीदवार मैदान में उतारकर दोनों पार्टियों के मुकाबले कम प्रतिनिधित्व दिया है। जाट वैसे तो जाट कम्युनिटी का प्रतिशत अन्य जातियों के मुकाबले कम है। जाट कम्युनिटी दिल्ली में 5 फीसदी है, लेकिन बीजेपी ने सबसे ज्यादा 10 जाटों को टिकट दिया है, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने इस कम्युनिटी को 9-9 टिकट दिए हैं। गुर्जर ऐसा ही मामला गुर्जर जाति के साथ है। इनकी आबादी 5 फीसदी है लेकिन कांग्रेस ने 9 गुर्जर कैंडिडेट्स मैदान में उतारे है। बीजेपी ने 8 गुर्जरों को टिकट दिया है, जबकि आम आदमी पार्टी ने केवल 3 गुर्जर कैंडिडेट्स ही चुनाव में उतारे हैं। सिख सिखों की आबादी केवल 3 फीसदी है, लेकिन इस आबादी को लुभाने के लिए हर वर्ग पूरी कोशिश करता है। बीजेपी और उनके सहयोगी दल अकाली बादल ने 7 सिख कैंडिडेट चुनाव में उतारे हैं, उसके बाद आम आदमी पार्टी ने 4 व कांग्रेस ने 3 सिख को टिकट दिया है। यादव यादवों की आबादी दिल्ली में 2 फीसदी है, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने तीन-तीन यादवों को टिकट देकर उन्हें अपनी ओर खींचने की कोशिश की है वहीं बीजेपी ने केवल 1 ही यादव कम्युनिटी का कैंडिडेट चुनाव में उतारा है। राजपूत राजधानी में राजपूतों की आबादी केवल 1 फीसदी के आसपास बताई जाती है, लेकिन आम आदमी पार्टी ने राजपूत कम्युनिटी के 3, कांग्रेस ने 2 और बीजेपी ने 2 कैंडिडेट चुनाव में उतारे हैं। पूर्वांचली पूर्वांचली कोई जाति नहीं है, उत्तर प्रदेश और बिहार से आए प्रवासी लोगों का यह नाम दिया गया है। इसमें कई जाति के लोग शामिल हैं। इनकी आबादी करीब 16 फीसदी के आसपास बताई जाती है। आप और कांग्रेस ने पूर्वांचलियों को दो-दो टिकट दिए हैं, लेकिन बीजेपी ने केवल एक पूर्वांचली को टिकट दिया है। इस वर्ग को पूरा प्रतिनिधित्व ना मिलने के कारण लोगों में गुस्सा है। कुछ समय बाद बिहार में चुनाव होने हैं दिल्ली में कम लोगों को प्रतनिधित्व मिलने का असर बिहार चुनाव पर पड़ सकता है। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने 2-2 और बीजेपी ने 1 पूर्वांचली को टिकट दी है। उत्तराखंडी ऐसा ही हाल कुछ उत्तराखंड के प्रवासी लोगों का है। इनकी आबादी भी दिल्ली में करीब 6 फीसदी के आसपास है। लेकिन बीजेपी ने एक और कांग्रेस ने भी एक कैंडिडेट को टिकट दिया है। इसके अलावा राजधानी में 6 फीसदी ऐसी आबादी है, जिसमें तमाम तरह की जातियां आती हैं। इनमें कायस्थ, मराठा, साउथ इंडियन सहित तमाम वर्ग के लोग हैं। उनको भी टिकट दिया गया है।
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Post by sonu1983 on Jan 27, 2015 22:03:51 GMT 5.5
Very good
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vij
Senior Member
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Post by vij on Jan 30, 2015 23:48:19 GMT 5.5
भारतीय जनता पार्टी दिल्ली विधानसभा चुनाव जीतने के लिए सूक्ष्म प्रबंधन स्तर पर उतर आई है। चुनाव के समय में अभी तक राजनीतिक दल अपने फायदे के लिए कुछ जातियों को एकत्र कर सोशल इंजीनिय¨रग फार्मूला अपनाती रही हैं मगर इससे आगे बढ़कर भाजपा के रणनीतिकारों ने चुनावी फायदे के लिए 'बिरादरी इंजीनिय¨रग' का सहारा लेना शुरू कर दिया है। जाट और गुर्जर मतदाताओं को दिल्ली के थोक मतदाताओं को कमल से बांधने के लिए पार्टी ने नीतियों और मुद्दों से अलग हटकर पड़ोसी राज्यों में इन बिरादरी के प्रमुख नेताओं को प्रचार में झोंक दिया है। पार्टी ने गुर्जर बिरादरी को संभालने की जिम्मेदारी जहां केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर को दी है वहीं जाट बिरादरी को संभालने का जिम्मा केंद्रीय मंत्री और किसान नेता रहे स्वर्गीय छोटूराम के नाती बीरेंद्र सिंह के पास है। गुर्जर को जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में भी छह गुर्जर बाहुल्य सीटों की कमान सौंपी थी, जिनमें से उन्होंने दो सीट पहली बार पार्टी की झोली में डाल दी थी। पार्टी ने गुर्जर बाहुल्य 13 विधानसभा क्षेत्रों के 56 गांवों में राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली के प्रमुख गुर्जर नेताओं की टीम उतारी है। प्रमुख नेताओं में कृष्णपाल गुर्जर के अलावा कैराना (उत्तर प्रदेश) के सांसद हुकम सिंह, सवाईमाधोपुर (राजस्थान) के सांसद सुखबीर सिंह जौनापुरिया, अमरोहा (उत्तर प्रदेश) के सांसद कंवर सिंह तंवर, दक्षिण दिल्ली के सांसद रमेश विधूड़ी, सोहना (हरियाणा) के विधायक तेजपाल तंवर शामिल हैं। विधानसभा मुस्तफाबाद के गुर्जर बाहुल्य गांव शिव विहार, करावल नगर गांव, दयालपुर, सेहतपुर में कैराना के सांसद हुकम सिंह और दादरी से उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री नवाब सिंह नागर सहित रकम सिंह भाटी, डा.राजू नागर, करावल नगर के गुर्जर बाहुल्य गांव में खजूरी, बिहारीपुर, शबहापुर, दयालपुर, सेहतपुर में सांसद हुकम सिंह के साथ उत्तर प्रदेश में मेरठ के विधायक रविंद्र भड़ाना और पूर्व मंत्री नवाब सिंह नागर सहित डा.राजू नागर चुनाव कमान संभाल चुके हैं। करावल में खेकड़ा के पूर्व विधायक रूप चौधरी भी इस टीम के साथ रहेंगे। गांधी नगर विधानसभा क्षेत्र के पुराना सीलमपुर, पुरानी धर्मपुरी, रघुवरपुरा, नया सीलमपुर गांव में सवाई माधोपुर के सांसद सुखबीर सिंह जौनापुरिया, कैथल के पूर्व विधायक लीलाराम गुर्जर, पटपड़गंज क्षेत्र के गांव मंडावली, किचहरीपुर, पटपड़गंज गांव में भी जौनापुरिया की टीम ही चुनाव कमान संभाल चुकी है। त्रिलोकपुरी क्षेत्र के गांव कोटला गांव, चीला गांव में केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर, जंगपुरा क्षेत्र के गांव सराय काले खां में गुर्जर के अलावा हरियाणा कैथल के जिलाध्यक्ष राजपाल तंवर की टीम और ओखला के गांव जसोला, तैमूर नगर, खिजराबाद, मदनपुर खादर, आली गांव सहित कस्तूरबा नगर के कोटला मुबारकपुर, अलीगंज गांव, गड़ी कालका में अमरोहा के सांसद कंवर सिंह तंवर की टीम मोर्चा संभाल चुकी है। इनका साथ देने के लिए राजस्थान के पूर्व विधायक नाथू सिंह गुर्जर भी दिल्ली पहुंच चुके हैं। गुर्जर बाहुल्य 13 विधानसभा क्षेत्रों की टीम की बैठक कृष्णपाल गुर्जर बुधवार को ले चुके हैं। गुर्जर खुद मयूर विहार जिले के अलावा जंगपुरा, ओखला, त्रिलोकपुरी, कोंडली तथा पटपड़गंज विधानसभा क्षेत्रों की चुनाव कमान संभाले हुए हैं।
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