Post by Ashok Harsana on Mar 15, 2019 9:39:27 GMT 5.5
क्या आप जानते हैं कि यह हमारे राष्ट्रगान की मूल प्रति है जिसको रबिन्द्रनाथ टैगोर द्वारा खुद साइन भी किया गया है। इसमें दूसरी लाइन के चौथे शब्द को देखने पर पता चलता है कि मूल राष्ट्रगान में गुजरात नहीं बल्कि ‘गुर्जर’ शब्द का प्रयोग किया गया था। इसी प्रकार गुर्जरों का नाम भारत के इतिहास से बड़ी चालाकी से मिटा दिया गया और ‘चाटुकरों’ को गुर्जरों का ना केवल राजपाट दे दिया गया बल्कि उनका गौरवशाली इतिहास भी अँग्रेज़ों और मुगलों के चापलूसों के नाम कर दिया गया। इसी इतिहास को एक बार फिर से लिखने की एक ईमानदार कोशिश मैने की है:
हिन्दी पुस्तक- गुर्जर: आर्य विरासत के उत्तराधिकारी
अँग्रेज़ी पुस्तक- Forbearers of The Aryan Legacy: The Gurjars
मानव के प्रारंभिक विकास से लेकर आर्यों का उदय, और फिर आर्यों से गुर्जरों के उदय होने की सभी घटनाओं को क्रमवार रूप से इस पुस्तक में लिखा गया है। वो सब सवाल जिनका जवाब आज तक शायद किसी और पुस्तक में इतना स्पष्ट नही मिलता उन सभी सवालों के जवाब इस पुस्तक में मिलेंगे जैसे:
• गुर्जरों और जॉर्जिया का संबंध
• गुर्जरों का रघुकुल से संबंध
• गुर्जरों द्वारा यूरोप, तुर्की, ईरान, चीन और मध्य एशिया में स्थापित साम्राज्य
• कुषाण वंश के गुर्जर होने के स्पष्ट प्रमाण
• हूणो के गुर्जर होने के स्पष्ट प्रमाण
• असली प्राचीन अयोध्या का स्थान
• असली प्राचीन आर्यवृत
• विभिन्न स्थानों का नाम गुर्जरों के नाम पर होने के प्रमाण और कारण
• सूर्यवंश और चंद्रवंश के होने के वैज्ञानिक और ऐतिहासिक प्रमाण
यह पुस्तक पूर्ण रूप से केवल वैज्ञानिक रिसर्चों, जैसे जेनेटिक, पुरातात्विक, भाषाई और anthropological तथ्यों पर आधारित है और इसमे किसी भी प्रकार की मिथ्या कहानियों का प्रचार नहीं किया गया है और ना ये तुकबंदियों पर आधारित है। भारतीय इतिहास के साथ हुई छेड़खानी को देखते हुए, इस पुस्तक में अधिकतर सन्दर्भ ईरानी, मिस्र, मेसोपोटामिया, अरब और चीनी स्त्रोतों से लिए गये हैं।
इस पुस्तक को हिन्दी और अँग्रेज़ी दोनों भाषाओं में लिखा गया है और यह प्रिंट और E-बुक दोनों रूपों में Amazon पर उपलब्ध है
अँग्रेज़ी
प्रिंट: www.amazon.in/dp/1797605453
E-Book: www.amazon.in/dp/B07NYYWQYN
हिन्दी
प्रिंट: www.amazon.in/dp/B07P77W165
E-Book: www.amazon.in/dp/B07P792Q3X
सभी भाइयों से ये अनुरोध है कि इस पुस्तक की जानकारी को अपने सभी गुर्जर ग्रुपों तक पहुँचाएँ ताकि सदियों से गुमनामी के अंधेरो में सोया ये समाज अपना महान इतिहास जान कर एक बार फिर उठ खड़ा हो अपने हक़ के लिए और हमारी आने वाली पीढ़ियाँ इस ज्ञान से प्रेरित होकर सारी दुनिया में एक बार फिर से अपना सिक्का चलाएँ।

हिन्दी पुस्तक- गुर्जर: आर्य विरासत के उत्तराधिकारी
अँग्रेज़ी पुस्तक- Forbearers of The Aryan Legacy: The Gurjars
मानव के प्रारंभिक विकास से लेकर आर्यों का उदय, और फिर आर्यों से गुर्जरों के उदय होने की सभी घटनाओं को क्रमवार रूप से इस पुस्तक में लिखा गया है। वो सब सवाल जिनका जवाब आज तक शायद किसी और पुस्तक में इतना स्पष्ट नही मिलता उन सभी सवालों के जवाब इस पुस्तक में मिलेंगे जैसे:
• गुर्जरों और जॉर्जिया का संबंध
• गुर्जरों का रघुकुल से संबंध
• गुर्जरों द्वारा यूरोप, तुर्की, ईरान, चीन और मध्य एशिया में स्थापित साम्राज्य
• कुषाण वंश के गुर्जर होने के स्पष्ट प्रमाण
• हूणो के गुर्जर होने के स्पष्ट प्रमाण
• असली प्राचीन अयोध्या का स्थान
• असली प्राचीन आर्यवृत
• विभिन्न स्थानों का नाम गुर्जरों के नाम पर होने के प्रमाण और कारण
• सूर्यवंश और चंद्रवंश के होने के वैज्ञानिक और ऐतिहासिक प्रमाण
यह पुस्तक पूर्ण रूप से केवल वैज्ञानिक रिसर्चों, जैसे जेनेटिक, पुरातात्विक, भाषाई और anthropological तथ्यों पर आधारित है और इसमे किसी भी प्रकार की मिथ्या कहानियों का प्रचार नहीं किया गया है और ना ये तुकबंदियों पर आधारित है। भारतीय इतिहास के साथ हुई छेड़खानी को देखते हुए, इस पुस्तक में अधिकतर सन्दर्भ ईरानी, मिस्र, मेसोपोटामिया, अरब और चीनी स्त्रोतों से लिए गये हैं।
इस पुस्तक को हिन्दी और अँग्रेज़ी दोनों भाषाओं में लिखा गया है और यह प्रिंट और E-बुक दोनों रूपों में Amazon पर उपलब्ध है
अँग्रेज़ी
प्रिंट: www.amazon.in/dp/1797605453
E-Book: www.amazon.in/dp/B07NYYWQYN
हिन्दी
प्रिंट: www.amazon.in/dp/B07P77W165
E-Book: www.amazon.in/dp/B07P792Q3X
सभी भाइयों से ये अनुरोध है कि इस पुस्तक की जानकारी को अपने सभी गुर्जर ग्रुपों तक पहुँचाएँ ताकि सदियों से गुमनामी के अंधेरो में सोया ये समाज अपना महान इतिहास जान कर एक बार फिर उठ खड़ा हो अपने हक़ के लिए और हमारी आने वाली पीढ़ियाँ इस ज्ञान से प्रेरित होकर सारी दुनिया में एक बार फिर से अपना सिक्का चलाएँ।
