|
Post by dipakgurjar on May 7, 2010 10:30:34 GMT 5.5
www.rajasthanpatrika.com/city-news/dausa/07052010/dausa-news/110811.htmlपहले उग्र, फिर शांत 07 मई 2010, 21:50 hrs IST सिकन्दरा। सरकार और गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक किरोडी सिंह बैंसला के बीच समझौता होने के बाद भी आंदोलनकारियों ने सिकन्दरा चौराहे से अपना पडाव नहीं हटाया है। इससे जयपुर-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग पर बाईस दिन से बंद पडी वाहनों की आवाजाही गुरूवार को शुरू नहीं हो सकी। आंदोलनकारियों का बीस दिन से सिकन्दरा चौराहे पर पडाव चल रहा है। यहां के आंदोलनकारियों का कहना है कि कर्नल बैंसला स्वयं पडाव स्थल पर आकर सरकार के साथ हुए फैसले की जानकारी दें। गुरूवार को प्रात: इन आंदोलनकारियों ने अपना उग्र रूप भी दिखाया और सिकन्दरा कस्बे का बाजार व पोस्टऑफिस बंद करा दिया। वहीं थाने का घेराव किया। हालांकि थाने पर पुलिसकर्मी पहले ही ताला लगाकर इधर-उधर हो गए थे। आन्दोलकारियों ने बांदीकुई मार्ग पर बाणगंगा नदी तक जगह-जगह पत्थर व पेड सहित अन्य अवरोधक लगाकर रास्ता बंद कर दिया। बाद में आस-पास के गांवों से पहंुचे समाज के पंच-पटलों ने समझाइश कर उन्हें शांत किया। इसके बाद दुपहिया वाहनों का आवागमन सामान्य हो गया। पडाव स्थल पर बडी संख्या में भीड जुटना शुरू हो गई है। गुरूवार प्रात: करीब 11 बजे पडाव को संबोधित करते हुए गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के संरक्षक रामवीरसिंह विधूडी ने शुक्रवार चार बजे पडाव स्थल पर महापंचायत करने का ऎलान किया। इसे प्रहलाद गुंजल व अतरसिंह भडाना संबोधित करेंगे। विधूडी नेे कहा कि कल चार बजे तक बैंसला सरकार से हुए लिखित समझौते को पडाव स्थल पर आकर दिखाए। यदि उस समझौते पर समाज की मुहर लगती है तो पडाव स्थगित कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि जब मुख्य पडाव स्थल सिकन्दरा में था तो बैंसला को पहले सिकन्दरा आना चाहिए था, नहीं आने से समाज के लोगों को ठेस पहुंची है। कल तक भी बैंसला पडाव स्थल पर नहीं आते हैं तो समझा जाएगा कि उन्होंने समाज की पीठ में छुरा घोंपा है। गुर्जर महापरिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष उमरावसिंह डोई ने बताया कि पडाव स्थल पर संख्या बल बढाने के लिए जीपों में लाउडस्पीकर लगाकर समाज के लोगों से आह्वान किया जा रहा है। Attachments:
|
|
|
Post by dipakgurjar on May 7, 2010 10:37:28 GMT 5.5
www.rajasthanpatrika.com/city-news/tonk/07052010/tonk-news/110838.htmlविफल रही राज्य सरकार 07 मई 2010, 22:01 hrs IST टोडारायसिंह। भाजपा नेता डॉ. नाथू सिंह गुर्जर ने आरोप लगाया है कि भीषण अकाल के इस दौर में राज्य सरकार लोगों को राहत पहुंचाने में विफल रही है। वे गुरूवार को स्थानीय विश्रामगृह में भाजपा कार्यकर्ताओं की बैठक को सम्बोघित कर रहे थे।उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश में आमजन पानी के लिए दर-दर भटकने को मजबूर है। बैठक में नगरपालिकाध्यक्ष किशन लाल गुर्जर, देहात भाजपा अध्यक्ष राधेश्याम डोई, भाजयुमो जिला मंत्री इंदुशेखर शर्मा समेत अनेक भाजपा कार्यकर्ता मौजूद थे। ज्ञापन दिया टोडारायसिंह। किसान सेवा समिति पदाधिकारियों ने गुरूवार को क्षेत्रीय समस्याओं के समाधान की मांग को लेकर उपखण्ड अघिकारी गोपालराम बिरधा को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया। समिति अध्यक्ष नरेश मीणा की अगुवाई में दिए ज्ञापन में क्षेत्र के गांवों को बीसलपुर बांध का पानी उपलब्ध कराने, पंचायतों में चारा डिपो खुलवाने, नियमित बिजली आपूर्ति समेत अन्य समस्याओं के समाधान की मांग की गई है। Attachments:
|
|
|
Post by dipakgurjar on May 7, 2010 10:45:13 GMT 5.5
timesofindia.indiatimes.com/city/jaipur/Rajasthan-accords-additional-one-per-cent-quota-to-Gujjars/articleshow/589Rajasthan accords additional one per cent quota to Gujjars JAIPUR: The Rajasthan government approved one per cent additional quota for Gujjars and three other communities in addition to the existing reservation given to them under the OBC category. The reservation in government jobs to the four communities -- Gujjars, Rebari, Gardia Lohar and Banjara -- is applicable with immediate effect. Chief minister Ashok Gehlot told reporters the state was maintaining quota at 49 per cent and the legal limit is 50 per cent. This one per cent would be an additional for these four communities which are already privileged in 21 per cent quota under the Other Backward Class/community (OBC), Gehlot said. He said the state cabinet also agreed in-principle to provide 5 per cent quota to Special OBC, which included four of these communities including Gujjars which demanded it in its month-long agitation. The agitation by Gujjars led by Kirori Singh Bainsla was called off yesterday after the state government agreed to accord additional one per cent quota to them. As per the High Court's direction, four per cent would be kept reserved as "notional", which would be given after the quota act 2008 is cleared by the court. "If an applicant crosses the age limit before the court's verdict, the state government will relax the age for the four communities," Gehlot said. "In present job scenario, these communities which are still listed in the OBC category, will first get benefit under 21 per cent quota, and if they fail, they can get the benefit of one per cent being provided now," he said. Gehlot claimed that it was a unanimous agreement with Bainsla and there was no political motive. Rajasthan Pradesh Congress Committee hailed the Gehlot government's decision and settling the matter peacefully. Meanwhile, the state Brahmin Arakshan Manch in a statement appealed to the chief minister to also consider implementation of 14 per cent quota carried in the act for EBC (Economically Backward Classes). Attachments:
|
|
|
Post by dipakgurjar on May 7, 2010 10:51:40 GMT 5.5
in.jagran.yahoo.com/news/local/rajasthan/4_9_6392831.htmlगुर्जर आंदोलन फिर दो फाड़ May 07, 02:03 am जयपुर, जासंके: आरक्षण की मांग को लेकर चला गुर्जर आंदोलन फिर दो फाड़ हो गया है। गुर्जर नेता कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने राज्य सरकार से हुए समझौते के बाद जहां महापड़ाव खत्म करने की घोषणा की, वहीं गुर्जरों के एक गुट ने समझौते को मानने से इनकार कर दिया है। गुर्जरों के इस गुट ने दौसा के सिकन्दरा में महापड़ाव जारी रखने की घोषणा की। यही नहीं राष्ट्रीय गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के नेता रामवीर सिंह विधुड़ी ने कहा कि शुक्रवार को आन्दोलन के बारे में निर्णय होगा। उधर, बैंसला से हुए समझौते को राज्य मंत्रिमंडल ने भी मंजूरी दे दी। गौरतलब है कि कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के नेतृत्व में गुर्जरों और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच बृहस्पतिवार को समझौता हुआ था। इसके तहत विशेष पिछड़ा वर्ग के रूप में संबोधित जातियों का राज्य के अधीन सेवाओं में 50 प्रतिशत की सीमा के तहत एक प्रतिशत आरक्षण गुर्जर,गाडिया लुहार सहित पांच जातियों को देने और यह आरक्षण ओबीसी के उपलब्ध आरक्षण के अतिरिक्त देने का उल्लेख किया गया। इसका लाभ ओबीसी की मेरिट में नहीं आए लोगों को मिलेगा। इसके साथ ही सरकारी भर्तियों के विज्ञापित पदों के विशेष पिछड़ा वर्ग के लिए शेष रहे चार प्रतिशत पद राष्ट्रीय रूप से सुरक्षित रखे जाएंगे। जिससे न्यायालय के निर्णय के मुताबिक इस आरक्षित वर्ग को आरक्षण का फायदा मिल सके। समझौते के दौरान गृहमंत्री शांति धारीवाल, ऊर्जा मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह और उद्योग मंत्री राजेन्द्र पारीक भी मौजूद थे। सरकार की ओर से समझौते पर जहां प्रमुख गृह सचिव ने हस्ताक्षर किए, वहीं गुर्जरों की तरफ से कर्नल बैंसला ने हस्ताक्षर किए। इस समझौते के बाद बैंसला ने महापड़ाव खत्म करने की घोषणा की थी, लेकिन एक गुट ने इस समझौते को मानने से इनकार कर दिया है। सिकन्दरा में महापड़ाव पर बैठे इन गुर्जरों ने बैंसला के नेतृत्व को नकार दिया और महापड़ाव जारी रखने की घोषणा की। राष्ट्रीय गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के नेता रामवीर सिंह विधुड़ी ने कहा कि शुक्रवार को आन्दोलन के बारे में निर्णय होगा। उधर, गुर्जरों से हुए समझौते पर सचिवालय में हुई राज्य मंत्रिमण्डल की बैठक में मुहर लगाई गई। बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकार के कार्यकाल में 21 बार गोली चली और इसमें 90 लोग मारे गए। इनमें से 70 गुर्जर समाज के थे। अब सरकार ने गुर्जरों के साथ समझौता कर बातचीत से मुद्दे का हल निकाला है। Attachments:
|
|
|
Post by dipakgurjar on May 8, 2010 16:19:37 GMT 5.5
www.rajasthanpatrika.com/city-news/dausa/08052010/dausha-news/111235.htmlबैंसला का फैसला नकारा 08 मई 2010, 22:16 hrs IST सिकन्दरा। सिकन्दरा चौराहा पडाव स्थल पर शुक्रवार शाम हुई महापंचायत ने बैंसला द्वारा सरकार के साथ किए फैसले को मानने से इनकार कर दिया और सिकन्दरा पडाव को जारी रखते हुए आगामी निर्णय 13 मई को पडाव स्थल पर ही राष्ट्रीय महापंचायत में करने का ऎलान किया। गुर्जर आन्दोलन मसले पर कर्नल बैंसला के साथ समझौता कर सकून की सांस ले रही सरकार को सिकन्दरा में हुई महापंचायत ने फिर से मुसीबत में डाल दिया। उल्लेखनीय है कि गुरूवार देर शाम प्रशासन व गुर्जर प्रतिनिधियों के बीच हुई वार्ता में पडाव हटाने पर सहमति बनी थी। इसकी जानकारी एडीएम रामस्वरूप ने दी थी, लेकिन आज इसके उलट गुर्जर नेताओं ने पडाव जारी रखने का निर्णय कर बैंसला के फैसले को नकार दिया। महापंचायत में कर्नल किरोडीसिंह बैंसला और सरकार के बीच हुए समझौते को पढकर सुनाया गया, लेकिन उपस्थित लोगों ने इसे मानने से इनकार कर पडाव जारी रखने का निर्णय किया और कर्नल बैंसला के नेतृत्व को भी खारिज कर दिया। महापंचायत को संबोधित करते हुए गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के संरक्षक रामवीरसिंह विधूडी ने कहा कि 13 मई को सिकन्दरा चौराहे पर राष्ट्रीय महापंचायत कर आगामी रणनीति तय की जाएगी। उन्होंने कहा कि कर्नल ने समाज के साथ धोखा किया है, लेकिन वह समाज की इच्छानुसार 5 प्रतिशत आरक्षण दिलवाने के बाद ही लौटेंगे। वहीं, पडाव के 21 वें दिन भी राजमार्ग से सिकन्दरा होकर वाहनों का संचालन बंद रहा। चौराहे की दुकानें भी नहीं खुली। सिकन्दरा थाने पर भी दिनभर ताला लटका रहा। कर्नल रहे निशाने पर महापंचायत में गुर्जर नेताओं ने बैंसला पर समाज के खिलाफ वादाखिलाफी का आरोप लगाया। आरक्षण संघर्ष समिति के संरक्षक रामवीरसिंह विदूडी ने कहा कि वे राजस्थान के गुर्जरों को आरक्षण दिलाकर ही दिल्ली जाएंगे। उन्होंने कहा कि इस बार सरकार से दफ्तर और होटलों में वार्ता नहीं होकर सिकन्दरा चौराहे पर ही वार्ता होगी। वार्ता के लिए मुख्यमंत्री को सिकन्दरा चौराहे पर आना होगा। विदूडी ने कहा कि समाज के कुछ गद्दार आरक्षण की मशाल को बुझाने में लगे हैं, लेकिन समाज ऎसे जयचंदों को सबक सिखा कर ही दम लेगा। उन्होंने बैंसला पर आरोप लगाया कि आरक्षण के नाम पर समाज को ढाल बना कर कर्नल ने पहले आन्दोलन में सरकार से अपनी गरीबी दूर कर ली। दूसरे आन्दोलन में अपने रिश्तेदार को चेयरमैन और स्वयं ने लोकसभा का टिकट ले लिया। अब कांग्रेस सरकार से संधी कर राज्यसभा में जाने की तैयारी कर रहे हैं। समाज इसे बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने सरकार और प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि महापंचायत को विफल करने के लिए प्रशासन ने टेन्ट तक उपलब्ध नहीं होने दिया। थानागाजी विधायक हेमसिंह भडाना ने कहा कि आज समाज फिर उसी चौराहे पर आकर खडा हो गया है, जहां से वह आरक्षण की मांग को लेकर चला था। उन्होने आरक्षण के मुद्दे पर सरकार को घेरने की चेतावनी भी दी। पूर्व सांसद नाथूसिंह गुर्जर ने कहा कि समाज की मुख्य मांग एसटी में आरक्षण की थी, लेकिन समाज मुख्य मांग से भटक गया। महापंचायत को पूर्व विधायक गोपीचंद गुर्जर व मानसिंह बुर्जा ने भी सम्बोघित किया। गुर्जर महापरिष्ाद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष उमरावसिंह डोई ने कहा कि 13 मई को होने वाली महापंचायत के लिए गांव-ढाणी में कमेटियां गठित कर प्रचार-प्रसार किया जाएगा। Attachments:
|
|
|
Post by dipakgurjar on May 8, 2010 16:24:28 GMT 5.5
www.rajasthanpatrika.com/city-news/bharatpur/08052010/bharatpur-news/111272.htmlरोडवेज को 77 लाख की चपत 08 मई 2010, 22:54 hrs IST भरतपुर। विशेष आरक्षण की मांग को लेकर गुर्जरों द्वारा आगरा-जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिकन्दरा में किए महापडाव से 22 दिनों तक रोडवेज संचालन प्रभावित रहा और इससे से रोडवेज को करीब 77 लाख रूपए की चपत लगी है। हालांकि सिकन्दरा पर महापडाव अभी भी जारी रहने से शुक्रवार को भी भरतपुर से जयपुर चलने वाली बसों को वैकल्पिक मार्ग से होकर ही गुजरना पडा है। भरतपुर की लोहागढ व भरतपुर डिपो कि भरतपुर-जयपुर मार्ग पर की करीब 36 बसें संचालित है। गुर्जरों के गत 14 अप्रेल से जयपुर कूच के दौरान सिकंदरा पर महापडाव शुरू किया गया था। रोडवेज प्रबंधन ने सुरक्षात्मक रूख के मद्देनजर संचालन को बंद करा दिया । यात्रियों की परेशानी को देखते हुए बसों को वैकल्पिक मार्ग के जरिए जयपुर भेजा गया। इस यात्रा में अधिक समय व मंहगा किराया होने के कारण यात्री भार कम मिला। इससे मार्ग पर प्रतिदिन करीब तीन-चार बसें ही चली। कुछ दिनों बाद बसों को दूसरे वैकल्पिक मार्ग से जयपुर तक भेजा गया। लेकिन यात्री भार कम ही बना रहा है। इससे रोडवेज को प्रतिदिन करीब पौने दो लाख रूपए की राजस्व हानि उठानी पडी। हिण्डौन मार्ग की बसों को छह लाख की चपत बयाना तहसील के गांव महरावर में महापडाव के चलते इस मार्ग से चलने वाली बसों को करीब छह लाख रूपए की राजस्व हानि उठानी पडी है। Attachments:
|
|
|
Post by dipakgurjar on May 8, 2010 16:31:59 GMT 5.5
www.bhaskar.com/article/515859-947369.htmlFriday,May 07,2010 02:20 [IST] महापंचायत की तैयारी में जुटे गुर्जर, दिनभर चला पड़ाव सिकंदरा & कर्नल किरोड़ीसिंह बैसला के फैसले को नकारने के बाद सिकंदरा में शुक्रवार को होने जा रही महापंचायत को लेकर समाज के लोग तैयारी में जुट गए हैं। लोगों के दल गांवों में प्रचार—प्रसार के लिए रवाना हो गए। सिकंदरा में चल रहे महापड़ाव पर दोपहर को गुर्जर नेता विधूडी ने जैसे ही आगामी रणनीति तय करने के लिए महापंचायत की घोषणा की। इसके बाद से ही समाज के लोगों ने तैयारियां शुरू कर दी। गुर्जर महापरिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष उमरावसिंह डोई ने बताया कि गांवों के लोगों को महापंाचायत की जानकारी देने के लिए गांवों में टीमें रवाना की गई है। इससे पहले पत्रकार वार्ता में गुर्जर महापरिषद के राष्ट्रीय संयोजक रामवीरसिंह विधूडी ने कहा कि समझौता समाज के साथ धोखा है। इस समझौते को समाज स्वीकार नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि समाज को 50 प्रतिशत के अंदर कानूनी दायरे में ही आरक्षण चाहिए। कर्नल ने यह समझौता कर समाज की पीठ में छुरा घोंपा है। विधूडी ने कहा कि आंदोलन का हैडक्वार्टर सिकंदरा था तो समझोते से पहले यहां के पंच—पटेलों से राय लेनी चाहिए थी। गुर्जर समाज मैदान में हमेशा जीता है, लेकिन टेबिलों पर हार गया। उन्होंने सरकार के सामने मांगें रखते हुए कहा कि सरकार 50 प्रतिशत के अंदर गुर्जरों को 5 प्रतिशत आरक्षण दें। जेलों में बंद समाज के लोगों को रिहा किया जाए। समाज के लोगों पर लगे मुकदमों को सरकार वापस ले। आंदोलन में घायल हुए समाज के लोगों को प्रतिमाह 10 हजार रुपए पेंशन स्वीकृत की जाए तथा देवनारायण बोर्ड का बजट 500 करोड़ रुपए किया जाए। गुर्जर महापरिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष उमरावसिंह डोई ने महापंचायत में समाज के सभी नेताओं को आमंत्रित करते हुए कहा कि सरकार की नीति व रीति गलत है। समाज से गद्दारी करने वालों को समाज जान चुका है। Attachments:
|
|
|
Post by dipakgurjar on May 8, 2010 16:36:29 GMT 5.5
www.bhaskar.com/article/518906-950568.htmlSaturday,May 08,2010 02:09 [IST] सिकंदरा में महापड़ाव जारी रखने का एलान भास्कर न्यूज & सिकंदरा कर्नल बैेंसला के समझौते से गुस्साए गुर्जरों ने शुक्रवार को सिकंदरा चौराहे पर चल रहे महापडाव स्थल पर बुलाई गई महापंचायत में महापडाव जारी रखने का ऐलान करते हुए 13 मई को राष्ट्रीय स्तर की महापंचायत बुलाने की घोषणा की है। इससे पहले बड़ी संख्या में उमड़े गुर्जरों ने हाथ उठाकर कर्नल के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया। इस दौरान गुर्जर नेताओं के आक्रोशित तेवर नजर आए। सिकंदरा चौराहे पर चल रहे महापडाव के 21वें दिन गुर्जरों के तेवर सरकार एवं कर्नल बैंसला के खिलाफ दिखाई दिए। शाम पांच बजे कर्नल एवं सरकार के फैसले को लेकर बुलाई महापंचायत में बड़ी संख्या में गुर्जरों ने भागीदारी निभाई। महापंचायत को संबोधित करते हुए गुर्जर महापरिषद के राष्ट्रीय संयोजक रामवीरसिहं विधूडी ने कहा कि सरकार व कर्नल बैंसला मिलकर समाज की आंखों में धूल झोंक रहे हैं। कर्नल बैंसला पर बरसते हुए उन्होंने कहा कि प्रत्येक आंदोलन में कर्नल को कुछ ना कुछ मिला है,और समाज ने हमेशा धोखा खाया है, लेकिन अब समाज किसी दफ्तर में नहीं जाएगा, बल्कि हालात ऐसे बनेंगे कि वार्ता के लिए गहलोत व सोनिया गांधी को सिकंदरा चौराहा आना होगा। उन्होंने कहा कि वे राजस्थान से आरक्षण लेकर ही दिल्ली जाएंगे। उन्होंने महापडाव जारी रखने की घोषणा करते हुए आगामी रणनीति बनाने के लिए 13 मई को सिकंदरा चौराहे पर राष्ट्रीय स्तर की महापंचायत बुलाने का एलान किया, जिसका महापंचायत में मौजूद लोगों ने हाथ उठाकर समर्थन किया। महापंचायत में थानाागाजी विधायक हेमसिंह भडाना ने कहा कि आंदोलन जहां से शुरु हुआ, आज वहीं आकर पहुंच गया। यदि एक प्रतिशत आरक्षण ही चाहिए था तो समाज के 72 लोगों की शहादत क्यों दी गई? उन्होंने कहा कि एक जाति दो केटेगिरी में आरक्षण नहीं ले सकती। यह समाज के साथ छलावा है। पूर्व मंत्री नाथूङ्क्षसह गुर्जर ने कहा कि आंदोलन एसटी के लिए शुरु हुआ था। पहले कुछ राहत के लिए 5 प्रतिशत अलग से दिया था। समाज के साथ धोखा हुआ है। उन्होंने कहा कि आगे के लिए एक कमेटी बने, जो समय समय पर पूरे प्रदेश में संपर्क कर आगे का निर्णय करे। महापंचायत को पूर्व विधायक दांताराम, गुर्जर महापरिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष उमरावसिंह डोई, पूर्व विधायक गोपीचंद, मुरारीलाल कैमरी, प्रहलाद कसाना, फतेहसिंह डोई व शंकरलाल सहित अन्य ने भी संबोधित किया। जनजागरण अभियान चलाएंगे सिकंदरा महापंचायत में गुर्जर महापरिषद के राष्ट्रीय संयोजक रामवीरसिंह विधूडी ने कहा कि आरक्षण के मुद्दे पर आगे होने वाली वार्ता में समाज की कमेटी ही वार्ता करेगी। इसमें कर्नल बैंसला को शामिल नहीं किया जाएगा। आरक्षण के लिए प्रदेश में जनजागरण चलाया जाएगा। लगते रहे जयकारे महापंचायत के दौरान समाज के लोग नेताओं के उद्बोधन के बाद देवनारायण भगवान के जयकारे लगाते रहे। इससे समाज के लोगों में जोश रहा। Attachments:
|
|
|
Post by dipakgurjar on May 10, 2010 10:03:51 GMT 5.5
www.bhaskar.com/article/521408-953251.htmlSunday,May 09,2010 02:12 [IST] नेशनल हाइवे खुला भास्कर न्यूज. सिकंदरा आरक्षण की मांग को लेकर नेशनल हाइवे के सिकंदरा चौराहे पर 22 दिन से चला रहा गुर्जरों का महापड़ाव शनिवार की रात समाज की बैठक के बाद समाप्त हो गया। इसके साथ ही देर रात हाइवे पर यातायात चालू हो गया। अचानक गुर्जरों के हुए इस फैसले के बाद वाहन चालक व स्थानीय व्यापारियों को राहत मिली है। अब गुर्जर समाज आगामी रणनीति 13 मई को होने वाली राष्ट्रीय महापंचायत में तय करेगा। गुर्जर आरक्षण आंदोलन के चलते सिकंदरा चौराहे पर गुर्जरों के महापड़ाव डालकर बैठ जाने से प्रशासन ने यहां से यातायात बंद कर दिया था। इससे यहां से गुजरने वाले आगरा-—जयपुर नेशनल हाइवे तथा अलवर-—गंगापुर मेगा हाइवे पर प्रशासन की ओर से यातायात बंद था और सिकंदरा चौराहे के बाजार भी 22 दिन से बंद चल रहे थे। गौरतलब है कि कर्नल बैसला एवं सरकार के बीच समझौता होने के बाद यहां के गुस्साए गुर्जरों ने शुक्रवार की शाम महापंचायत कर यहां चल रहे महापड़ाव को 13 मई तक जारी करने का एलान कर दिया था, लेकिन शनिवार को दिनभर गुर्जर नेताओं के बीच चली बैठकों के बाद शाम को सिकंदरा चौराहे पर गुर्जर महापरिषद के राष्ट्रीय संयोजक रामवीरसिंह विधूडी, पूर्व विधायक गोपीचंद गुर्जर, गुर्जर महापरिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष उमरावसिंह डोई, गुर्जर महासभा के जिलाध्यक्ष मनफूलसिंह, युवा गुर्जर महासभा के कार्यकारी प्रदेशाध्यक्ष मानसिंह बुर्जा, श्रवणसिंह सूबेदार, रामसिंह प्रभाकर सहित अन्य की मौजूदगी में देररात 8 बजे तक चली बैठक में यहां महापड़ाव डालकर बैठे गुर्जरों ने सर्वसम्मति से महापड़ाव समाप्त करने की घोषणा कर दी। गुर्जर नेताओं ने बताया कि समाज ने यह फैसला 13 मई को होने वाली महापंचायत की तैयारियों में व्यस्त रहने के कारण लिया है। आंदोलन की रणनीति होने जा रही महापंचायत में तय होगी। गुर्जरों के इस फैसले के साथ ही देर रात यातायात चालू हो गया। गुर्जरों के अचानक इस फैसले से जहां वाहन चालकों को राहत मिली है वहीं प्रशासन ने भी राहत की सांस ली। ध्वज को ले गए देवनारायण मंदिर : महापड़ाव समाप्त होने की घोषणा के साथ ही चौराहे के बीच 22 दिन से लगे आंदोलन के ध्वज को गुर्जर समाज के लोग ससम्मान देवनारायण भगवान मंदिर कैलाई ले गए। रात को देवनारायण भगवान के जयघोषों के बीच समाज के लोगों ने मंदिर में ध्वज को स्थापित किया। आज से लौटेगी चौराहे की रौनक : गुर्जरों के महापड़ाव के कारण 22 दिन से बंद सिकंदरा चौराहे पर रविवार से फिर से रौनक लौटेगी। महापड़ाव समाप्त हो जाने के बाद आज बाजार फिर से खुलेंगे तथा हाइवे पर यातायात दौड़ेगा। जनहीत में लिया गया फैसला सराहनीय : सामाजिक सद्भाव से सरोकार रखने वाले कलेक्टर एल.सी.असवाल ने गुर्जर के महापड़ाव समाप्त करने के निर्णय की सराहना करते हुए कहा कि यह जनहीत में लिया गया फैसला सराहनीय है। Attachments:
|
|
|
Post by dipakgurjar on May 10, 2010 10:13:36 GMT 5.5
www.bhaskar.com/article/523800-956166.htmlMonday,May 10,2010 02:13 [IST] पटरी पर लौटी जिंदगी भास्कर न्यूज & सिकंदरा आरक्षण की मांग को लेकर सिकंदरा चौराहे पर चल रहे गुर्जरों का महापड़ाव हटने के बाद शनिवार से सिकंदरा की आम जिंदगी पहले की तरह पटरी पर आ गई है। 22 दिन से बंद सिकंदरा चौराहे के बाजार फिर से खुलने के कारण चौराहे पर रौनक लौट आई तथा नेशनल हाइवे पर थमे वाहनों के पहिए एक बार फिर से दौडऩे लगे हैं। गौरतलब है कि सिकंदरा चौराहे पर गुर्जरों का महापड़ाव चलने के कारण 22 दिन से सिकंदरा चौराहे के बाजार बंद होने के साथ जयपुर-—आगरा नेशनल हाइवे तथा अलवर-—गंगापुर मेगा हाइवे बंद पड़ा हुआ था। इस मार्ग पर वाहनों के पहिए थमने के साथ आम जिंदगी भी अटक गई थी। शुक्रवार रात गुर्जरों के महापड़ाव समाप्त करने की घोषणा के बाद शनिवार से आम जिंदगी पहले की तरह ही हो गई है। शनिवार सुबह पहले की तरह व्यापारियों ने दुकानें खोली। नेशनल हाइवे पर वाहनों का संचालन हुआ। इतने दिनों से बंद पड़ी रोडवेज बस सहित निजी वाहनों की सेवा भी शुरू होने से सिकंदरा चौराहे पर रौनक दिखाई दी। चौराहे पर दिखाई दिए पुलिसकर्मी : गुर्जरों के महापड़ाव के कारण बंद चौराहे पर शनिवार को फिर से वर्दी में पुलिसकर्मी दिखाई दिए। यातायात पुलिस ने पहले की तरह ही अपना काम संभाला तथा वाहनों को निकाला। जेसीबी से हटाई रेलिंग : गुर्जर महापडाव के दौरान क्षतिग्रस्त रेलिंगों को हटाने के लिए शनिवार सुबह ही आईजेएम कंपनी की जेसीबी व ट्रक सिकंदरा चौराहे पर पहुंच गए तथा जेसीबी से क्षतिग्रस्त रेलिंगों को उठवाकर ट्रकों से पहुंचाया गया। महापड़ाव हटने के बाद वाहनों का संचालन शुरू होने से बंद पड़े टोल टैक्स पर भी वाहनों की आवाजाही शुरू हुई। इससे टोल टैक्स कंपनी ने राहत की सांस ली है। टोल टैक्स पर दिनभर वाहनों की आवाजाही रही। चलने लगी छैनी—हथोडी : गुर्जर महापड़ाव के कारण 22 दिन से थमी सिकंदरा चौराहे के पत्थर व्यवसाय की छैनी—हथोडी शनिवार से शुरू हो गई। पत्थर नक्काशी से जुड़े मजदूरों ने अपना काम संभाला। महापड़ाव के कारण सर्वाधिक नुकसान सिकंदरा के पत्थर व्यवसाय को हुआ है। 22 दिन तक बंद रहे इस काम से पत्थर व्यवसाय को करोडों रुपए का नुकसान होने की संभावना है। पत्थर व्यापारी आरपी सैनी ने बताया कि महापडाव के कारण नए आर्डर यहां के पत्थर व्यापारियों को नहीं मिले तथा पुराने भी काफी आर्डरों की समय पर डिलीवरी नहीं होने से केसिंल हो गए। टोल-प्लाजा को तीन करोड़ का नुकसान दौसा (ग्रामीण). : 23 दिन बाद राष्ट्रीय राजमार्ग 11 पर भोजपुरा के समीप संचालित टोल प्लाजा पर रविवार को वसूली शुरू हो गई। शनिवार को सिकंदरा चौराहे पर महापड़ाव खत्म होने के बाद हाइवे पर वाहनों की आवाजाही शुरू हो गई। चीफ मैनेजर अमरसिंह, पीआरओ मनोज झा एवं रविरंजन ने बताया कि 22 दिन से टोल प्लाजा बंद रहने से कंपनी को करीब तीन करोड़ रुपए की आय का नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया कि राजमार्ग पर लगी रैलिंग व डिवाइडरों के बीच लगे पट्टों को तोड़ देने से कंपनी को लाखों रुपए का नुकसान हुआ है। प्लाजा पर रविवार से वाहनों की आवाजाही शुरू हो गई। Attachments:
|
|