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Post by Krishan Kumar Gurjar - Lohmod on May 29, 2010 14:42:19 GMT 5.5
सभी गुर्जर भाईओ को मेरा राम राम भाई दीपक देडेहा और भाई रवि कसना आपने जो ये विषय यंहा उठाया हैं इसके लिए धन्यवाद ! मैं पहेले चिठेरा गॉव के विषय में कहना चाहूँगा, यह रिवाज पहले से चला आ रहा है की यदि किसी गॉव मैं किसी गोत्र के लोग रहते है तो उस गाव को उस गोत्र के लोगो से पहचाना जाता हैं पहले हर गाँव में एक या दो गोत्र के लोग रहते थे पर जब किसी गोत के लोग अपने हिस्से ( माँ या मामा की सम्पत्ति के हिस्से में अधिकार - ज्यादातर केसेस में) पर उस गाँव में आकर बस जाते हैं तो उस वक्ता उन लोगो का उस गाँव से मामा - फूफी का ( भाई-बहेन ) का रिश्ता होंता हैं और जिस गोत का वह गोव होता है उस गोत में वो सदी नहीं करते क्योंकि उनका ( आकर बसने वालो का उनसे मामा- फूफी का रिश्ता होता है ) पर धीरे - धीरे पहले का रिश्ता पुराना पड जाता है और आकर बसने वाले उस गोत में शादी करने मे कुछ फरक नहीं समझते ( कुछ कसेस मे) जैसा कि उपर भाई हरी चंद भडाना जी ने कहा ( Reply No # 18 ) मै उनसे सहमत हुं हमारे गाव मैं भी इस मुद्दे पर एक बार पंचायत हुई थी , की " अ" गोत को " बी" गोत की लड़की को ब्याह कर नहीं लाना चाहिए पंच्चो कर मत था की क्योंकि गाव में अधिकतर " बी" गोत के लोग रहते है और जब विवाहिता गाव मैं आएगी तो वोह हमसे घूँघट करेगी ये तो ऐसे होगया जैसे बेटी बाप से घुंघट करे. दोनों गोतो मैं भाईचारा था और है भी , पर जब गाँव "बी" गोत बहुल हैं और यह एक हमारी परम्परा रही है तो उपरोक्त हिसाब से ये बात ठीक भी लगती हैं की "अ " गोत को "बी" गोत की बहु को ब्याह कर नहीं लाना चाहिए. यदि हम आज के कल्चर, आज का समाज, शहरीकरण , टीवी , मीडिया का प्रभाव देखे तो उपरोक्त मत अनुचित लगती है उपरोक्त मत वंहा उपयुक्त लगता है जो शहरो काफी दूर है और प्योर गोव है. मै भाई दीपक मावी से सहमत नहीं हूँ ( Reply No # 27 ), आप एक शहर में रहते हैं और शहर में जब ४-५ गोत्र के गुर्जर एक साथ रहते हैं तो उपरोक्त बात लागु नहीं होती. दीपक भाई यदि आप चिठेरा गाव के विवाद को फिर से पढेंगे तो आपको पता चलेगा को भाटियो को शादी से सिर्फ इसलिए परहेज़ था कि गाव भाटियो का था और उसमे भाटी गोत कि बहु को लाया जा रहा था उनका कहना था कि शादी करके कंही और बस जाओ तो उन्हें शादी से परहेज़ नहीं था ये शादी गुर्जरों कि संस्क्रती एवं परपराओ के हिसाब से हुई थी इससे गुर्जरों कि आन बान और शान को कोई बट्टा नहीं लगता पर हाँ गुर्जरो के गावो कि जो परम्परा थी उसके विरोध में थी और मैं भी इस बात को मानता हूँ और ये मेरा निजी मत हैं. मेरा मानना है कि एक गाव में " अ' गोत का एक घर है और " बी" गोत के १०० घर है आज " अ" गोत " बी" गोत से शादी करके लाता है. कल उस्सी गाव के लड़के एक साथ खेलेंगे - पढेंगे , स्कूल , कॉलेज जाएँगे तो उन पर भी शायद नकरात्मक प्रभाव पद सकता है. जब गाँव के बाहार से एक दूसरे गोत में शादी कि जा सकती है तो वे ( नव-युवक / आने वाली पीढ़ी ) सोचेंगे कि गोव में आपस में शादी करने क्या हर्ज़ है। ओर हा यन्हा पर गाव भाटियो का हैं पर बहुत से गाव बैस्लो के भी हैं जंहा पर वोह् बैसले भी वाही करते और कहते जो भाटी पांचो ने कहा था
धन्यवाद,
कृषण कुमार गुर्जर नाथूपुर , गुडगाँव हरियाणा
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Post by Krishan Kumar Gurjar - Lohmod on May 29, 2010 15:39:23 GMT 5.5
राम राम गुर्जर भाइओ मेरे विचार में गुर्जरों में एक ही गोत्र में विवाह सोचा भी नहीं जा सकता, हमारे सिधांत हमारी परमपरा और संस्कृति में इसके लिए कोई स्थान नहीं है. हम गुर्जरों में एक ही गोत्र के लोगो को गोती भाई कहा जाता है. हम लोगो में जब शादी होती है तो लड़की वाले पूछते है कि आपके गाव में हमारे गोत्र कि कितनी लडकिया हैं और फिर उन सबको मान ( भेट - गिफ्ट ) देते हैं क्योंकि उन लडकियो से बहिन - बेटी का रिश्ता माना जाता हैं चाहे वो लड़की किसी गाव - राज्य - देस कि क्यों न हों चाहे वो लडकिया उस गावो में सकडो क्यों न हो सबको बराबर मान दिया जाता हैं. मैं एक बार अपने दादा जी के साथ एक शादी में मिल्क लच्ची गाव-उत्तेर प्रदेश गया था शादी से लोटने से पहले दादा जी मुझे एक घर में लेकर गए और वंहा पर एक हमारी गोत कि लड़की को भेट देकर आये - जो हमारे गाँव कि भी नहीं थी तब पहली बार मैंने अपने गोत के बंधन - रिश्ते को समझा , अगर सोचो तो दिल को छू लेने वाला है ये रिश्ता मेरे पिताजी कहते हैं कि यदि हम कंही बहार जाते है और हमें हमारे गोत कि लड़की मिल जाती हैं यंहा तक कि वोह कहते है कि अगर तुम्हे कभी आपने गाव कि लड़की - चाहे वोह किसी गोत , किसी जाती - गुर्जर, कुम्हार , पंडित , अहीर क्यों न हो तुम्हे उसे मान ( भेट जरुर देनी चाहिए) - पर सह्रिकरण कि वजह से , लोगो के एक दुसरे से कम मिलने कि वजह से ये कम होता जा रहा हैं गोत्र का महत्तव गुर्जरों में ही नहीं अहिरो और जाटों मैं भी होता हैं इसके लिए मैं आपको एक वक्या बताता हूँ हमारे गाँव में अहीर और गुर्जर हैं हमारे गाँव के अहिरो का गोत डागर है मेरे पिताजी एक बार अपने मामा के पलवल - कारना गाव, हरियाणा जा रहे थे ( लगभग तीन साल पहले ) , वोह बस से जा रहे थे बस में काफी भीड़ थी पर पापा को सीट मिली हुई थी बस में एक बुढ़िया चढ़ी कुछ देर तक वो सिट दुन्द्ती रही पर किसी ने आगे उसे सिट नहीं दी तो पापा ने उसे आवाज देकर बुलाया और अपनी सीट पर बिठा दिया और खुद खड़े हो गए बुढ़िया ने पापा से पूछा - " बेटा ! कोण से गाम का ह तू " पापा - " नाथूपुर" बुढ़िया - " अच्छो याई मारे खून ऐ खून कि मेर आई तो" ( गुडगाँव से पलवाल के बीच में एक गाव पड़ता हैं धतिर ये गाव जाटों का हैं और इन जाटों का गोत - डागर हैं , वो बुढ़िया धतिर कि थी और उसका गोत डागर होगा और उसे मालूम, था कि नाथूपुर में डागर गोत के अहीर रहते हैं - और उसने पापा को डागर गोत का अहीर समझा था ) हैना हमारे देश में गोत कि अपनी महिमा !, पर हाँ ये अलग - अलग जाती और धरम पर निर्भर करता हैं - जैसा कि A P सिंह भाई ने उपर ( Reply No #8 ) बहुत अच्छी तरह बताया है तोह मेरे विचार में हमें खुलकर अपनी जाती में सह्गोती ( इंटर सब - कास्ट मैरिज) शादी का विरोध करना चाहिए , पर मैंने ऐसा विवाद गुर्जरों में कभी सुना नहीं क्योंकि हमारा समाज कभी इसकी इजाजत नहीं देता
धन्यवाद
क्रिशन कुमार गुर्जर
नाथूपुर गुडगाँव , हरियाणा
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Post by Deepak Mavi on Jun 5, 2010 14:53:32 GMT 5.5
Sabi gurjar bhaio ko ram ram Me aap sabi bhaio se ek bat puchta hu? ki hamri smaj me kya achiya hi or kya buriya hi or ham log apni achiyo ko kesi bda sakte hi or apni buriyo ko kesi khatm kar sakte hi. Deepak Mavi 9871502781 deepak.mavi@yahoo.com
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Post by Gujar Rajasthani on Jun 5, 2010 19:43:17 GMT 5.5
I appreciate the views expressed by Krishan Kumar Lohmod.....!
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Post by Deepak Singh on Jun 18, 2010 16:01:04 GMT 5.5
Me too apriciate his views!
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Post by Ram Lohiya on Jul 5, 2010 19:07:34 GMT 5.5
Ram Ram Gujjar Bhaio, mein Bhai Ravi ke vicharo se purnteh sehmet hoon.or Apne Gujjar Bhai or Bheno se kehna chahaunga ke iss evil ko humari gujjar samaj se khtam karne ke liye hume ekjoot hona padega....or apne bachcho ko bachpan se humari gurjar cast ki royality ke baare mein batana padega tabhi hum apni iss generation ko western hone se rok sakte han.....or jo log aisa paap mein involve hote han unhone samaaj se nikaala dena chahiye....or humari khap panchayto ko bhi badhava dena chahiye tabhi hum apni cast ko iss paap se bacha sakenge...
Apka Ram Lohiya Aayanagar
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Post by ARVIND CHECHI on Jul 31, 2010 17:07:50 GMT 5.5
I am ARVIND CHECHI Gurjjar i am belong Village Bhuslanan, Teh. Safidon, Disst. Jind Haryana I am agree to your decision. thank you very much for interaction with gurjjar family on different issues. this is a good idea ..... carry on. ALL THE BEST I want to understand here that if there are 05-06 gotra in a village that means as per current things one has to search a boy or a girl leaving his gorta and 12 other. This seems to be very confusing. It is such a good and powerfull topic so will be never end because i and our gujar's with you. Better is to avoid. Regards ARVIND CHECHI Mob. No. 09888956100,09216146100 arvind05sandeep@gmail.com [/quote]
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Post by CHAUHAN on Aug 10, 2010 4:26:40 GMT 5.5
bhaiyo yaha pr m ek aur aham bat btana chahunga k kairana dist muzaffarnagar me muslim gujjar bahut jyada matra me rhte h bt acchi bat ye h k wo apne relations me shadi nhi krte h n gotra b avoid krte h unhone abi tk humari prampra ko bchaye rkha h. but uper reply no#30 me malik sahab hume salah de rhe h k hindu gujjro ko b apne closest relation me shadi krni chahiye...malik sahab m apse puchna chahunga k aap khud ko sudharne k bajay hume kyo ulte raste pr le jana chah rhe h...hum quran k bare me nhi jante but chacha ya tau ki ldki se ya bua ya bhatiji se shadi krna ye to naturally galat h..its sinfull....malik sahab prampra aap logo ne todi h humne nhi. meri samaj me nhi aata kyo pakistani gujjars biradri se jyada importance islam aur pakistan ko de rhe h..dusre ek thread me ek pakistani sahab bol rhe the k partition ka decision bilkul sahi tha... ek aur bat hum great gujjars ki ginti krte h to sbhi muslim gujjars ko b ginte h chahe wo liyakat ali ho ya great gamma...chahe indian gujjar ho ya paki but ye pakistani bhai hr bar hme avoid krte h ye kbi sardar patel ya rajesh pilot ya vijay singh pathik ko kyo nhi count krte h..!?!?!?!
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Post by Ashok Harsana on Aug 10, 2010 10:21:48 GMT 5.5
Sandeep bhai,
I appreciate your concern, but you are not requested to point to someone like this directly by name. You can share your views in a better and softer way.
Apart from that, we are not supposed to ask Muslim Gujjars to disregard their religion. Religion is like a lifestyle or a school of thought for a few but it can be a very crucial thing for few others. Everyone in this world is free to embrace any religion of his choice.
The Muslim Gujjars love us all and it has been seen many times in past on this forum. Muslim Gujjars have even visited India and attended Gurjars' meetings at a few occasions. The gujjars of Pakistan are proud of their royal caste, they proudly call themselves as Gujjars.
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Post by mgorsi on Aug 11, 2010 9:29:48 GMT 5.5
bhaiyo yaha pr m ek aur aham bat btana chahunga k kairana dist muzaffarnagar me muslim gujjar bahut jyada matra me rhte h bt acchi bat ye h k wo apne relations me shadi nhi krte h n gotra b avoid krte h unhone abi tk humari prampra ko bchaye rkha h. but uper reply no#30 me malik sahab hume salah de rhe h k hindu gujjro ko b apne closest relation me shadi krni chahiye...malik sahab m apse puchna chahunga k aap khud ko sudharne k bajay hume kyo ulte raste pr le jana chah rhe h...hum quran k bare me nhi jante but chacha ya tau ki ldki se ya bua ya bhatiji se shadi krna ye to naturally galat h..its sinfull....malik sahab prampra aap logo ne todi h humne nhi. meri samaj me nhi aata kyo pakistani gujjars biradri se jyada importance islam aur pakistan ko de rhe h..dusre ek thread me ek pakistani sahab bol rhe the k partition ka decision bilkul sahi tha... ek aur bat hum great gujjars ki ginti krte h to sbhi muslim gujjars ko b ginte h chahe wo liyakat ali ho ya great gamma...chahe indian gujjar ho ya paki but ye pakistani bhai hr bar hme avoid krte h ye kbi sardar patel ya rajesh pilot ya vijay singh pathik ko kyo nhi count krte h..!?!?!?! Sandeep Ji, As far as marriage is concerned, I just wanted to state what Muslim marriage laws are. I had no intention of objecting to Hindu practice or to hurt any feelings. I apologize if my statement is deemed objectionable. Religion does impose some rules and restrictions. One of them is marriage. Islam does not allow marriage with followers of many religions including Hinduism. But as Gujjar braderi, we can still cooperate on many levels. Trust me, it is great to know that our Hindu Gujjar braderi is in great form and is thriving. In our braderi forums, Hindu celebrities like Sardar Patel, Rajesh pilot and many others are definitely admired and recognized as a source of pride for Gujjars. That is not to say that we agree with their political views. As far as partition of 1947 is concerned, it is a reality. We cannot turn the clock back. We should accept it and find ways to cooperate in the existing political framework. If I could get a visa, I would love to visit places like Kashmir, Delhi and Rajisthan, to spend some time with great Gujjars of those areas. Regards, Mohammad Malik
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